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सच्चाई का सेंसेक्स: अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीज़ के चिकन की डिमांड करने का सच

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है. दावा किया जा रहा है ये वीडियो लॉकडाउन के दौरान का है. दावा किया जा रहा है कि लॉकडाउन में भीड़ लगाकर लोग बिरियानी खरीद रहे है. कोरोना काल में किसी दुकान पर भीड़ लगने की बात चौकाने वाली है. इसलिए वायरल वीडियो की पड़ताल की गई. पीली टीशर्ट पहने व्यक्ति को भीड़ ने घेर रखा है. हाथ खींच-खींच कर लोग बिरियानी मांग रहे हैं. वीडियो में आसपास की दुकाने खुली दिखाई दे रही हैं. देखने में ऐसा लग रहा है कि ये वीडियो किसी बाजार का है. सोशल मीडिया वीडियो शेयर करते हुए दावा किया गया कि ये कोटा के घंटाघर का वीडियो है. लॉकडाउन के दौरान लोग भीड़ लगाकर बिरियानी खरीद रहे. पूरे कोटा में इस वक्त कर्फ्यू लगा हुआ है. इसलिए कोटा के एसपी गौरव यादव से बात की गई. ये वीडियो फेक है. काफी पुराना वीडियो है. जब से यहां पर कर्फ्यू लगा हुआ है तब से किसी भी तरह की कोई भी भीड़ इकट्ठा नहीं होने दी जा रही है. जहां भी एक से ज्यादा लोग घूमते दिखते हैं उनपर तुरंत कर्रवाई भी होती है. हम ड्रोन से भी निगरानी कर रहे. इस तरह का कोई भी वाक्या घंटाघर इलाके में या कहीं भी नहीं हुआ है. जो भी इसे वायरल करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. हमारी पड़ताल में वायरल वीडियो कोटा के घंटाघर के होने का दावा सच्चा है. लेकिन वीडियो लॉकडाउन के दौरान होने का दावा झूठा है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है. दावा किया जा रहा है ये वीडियो लॉकडाउन के दौरान का है. दावा किया जा रहा है कि लॉकडाउन में भीड़ लगाकर लोग बिरियानी खरीद रहे है. कोरोना काल में किसी दुकान पर भीड़ लगने की बात चौकाने वाली है. इसलिए वायरल वीडियो की पड़ताल की गई. पीली टीशर्ट पहने व्यक्ति को भीड़ ने घेर रखा है. हाथ खींच-खींच कर लोग बिरियानी मांग रहे हैं. वीडियो में आसपास की दुकाने खुली दिखाई दे रही हैं. देखने में ऐसा लग रहा है कि ये वीडियो किसी बाजार का है. सोशल मीडिया वीडियो शेयर करते हुए दावा किया गया कि ये कोटा के घंटाघर का वीडियो है. लॉकडाउन के दौरान लोग भीड़ लगाकर बिरियानी खरीद रहे. पूरे कोटा में इस वक्त कर्फ्यू लगा हुआ है. इसलिए कोटा के एसपी गौरव यादव से बात की गई. ये वीडियो फेक है. काफी पुराना वीडियो है. जब से यहां पर कर्फ्यू लगा हुआ है तब से किसी भी तरह की कोई भी भीड़ इकट्ठा नहीं होने दी जा रही है. जहां भी एक से ज्यादा लोग घूमते दिखते हैं उनपर तुरंत कर्रवाई भी होती है. हम ड्रोन से भी निगरानी कर रहे. इस तरह का कोई भी वाक्या घंटाघर इलाके में या कहीं भी नहीं हुआ है. जो भी इसे वायरल करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. हमारी पड़ताल में वायरल वीडियो कोटा के घंटाघर के होने का दावा सच्चा है. लेकिन वीडियो लॉकडाउन के दौरान होने का दावा झूठा है.
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सोशल मीडिया पर यूपी के सहारनपुर की कुछ तस्वीरें और वीडियो वायरल हैं. दावा है सहारनपुर से बर्फ से लदे पहाड़ साफ दिख रहे हैं. दावा ये भी है कि लॉकडाउन की वजह से प्रदूषण खत्म हो गया है. इसलिए सहारनपुर से ऐसा नज़ारा दिख रहा है. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से पहाड़ दिखने का दावा वाकई चौकाने वाला था. इसलिए हमने इन दावों की पड़ताल की. ये दावा जितना चौकाने वाला था सच्चाई भी उतनी ही चौकाने वाली है. सोशल मीडिया पर ये तस्वीर वायरल है. इस तस्वीर में कुछ घर दिख रहे हैं. घरों पर पानी की टंकियां दिख रही हैं. छतों पर डिश अंटीने भी दिख रहे हैं. साथ ही कुछ बिजली खंभे और तार भी दिख रहे हैं. अब इस तस्वीर की सबसे खास चीज देखिए. ये पहाड़ ही इस तस्वीर में सबसे खास हैं. इन पहाड़ों की वजह से ही ये तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है. आप सोच रहे होंगे कि सिर्फ पहाड़ दिखने से ये तस्वीर वायरल क्यों है. इसमें खास बात क्या है? इस तस्वीर के साथ दावा किया गया कि ये उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की तस्वीर है. सहानपुर से सैकड़ों किलोमीटर दूर बर्फ की पहाड़ियां साफ दिखाई दे रही हैं. इन तस्वीरों के साथ एक वीडियो भी शेयर किया गया. ये वीडियो भी घर की छत से शूट किया गया. इस वीडियो में भी पहाड़ दिखाई दे रहे हैं. सहारपुर के ज्ञानेंद्र वाजपेई ने इन तस्वीरों को खुद खींचने का दावा किया. हमारी टीम ने पड़ताल आगे बढ़ाई तो सहारपुर के अशोक कुमार ने भी ऐसा ही दावा किया. इंटरनेट पर इन तस्वीरों की पड़ताल में हमें ये भी पता चला कि ये पहाड़ियां सहारनपुर से एयर डिस्टेंस के हिसाब से करीब 175 किलोमीटर दूर गंगोत्री की हो सकती हैं. हालांकि सड़क के रास्ते सहारनपुर से गंगोत्री करीब 315 किलोमीटर दूर है. सहारनपुर के अशोक कुमार पुष्कर और ज्ञानेंद्र वाजपेई के बयान के मुताबिक वायरल तस्वीरों में सहारपुर से पहाड़ और बर्फ की चोटियां दिखने का दावा सच साबित हुआ. ऐसा शायद लॉकडाउन की वजह से साफ हुए मौसम के कारण मुमकिन हुआ.
सोशल मीडिया पर यूपी के सहारनपुर की कुछ तस्वीरें और वीडियो वायरल हैं. दावा है सहारनपुर से बर्फ से लदे पहाड़ साफ दिख रहे हैं. दावा ये भी है कि लॉकडाउन की वजह से प्रदूषण खत्म हो गया है. इसलिए सहारनपुर से ऐसा नज़ारा दिख रहा है. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से पहाड़ दिखने का दावा वाकई चौकाने वाला था. इसलिए हमने इन दावों की पड़ताल की. ये दावा जितना चौकाने वाला था सच्चाई भी उतनी ही चौकाने वाली है. सोशल मीडिया पर ये तस्वीर वायरल है. इस तस्वीर में कुछ घर दिख रहे हैं. घरों पर पानी की टंकियां दिख रही हैं. छतों पर डिश अंटीने भी दिख रहे हैं. साथ ही कुछ बिजली खंभे और तार भी दिख रहे हैं. अब इस तस्वीर की सबसे खास चीज देखिए. ये पहाड़ ही इस तस्वीर में सबसे खास हैं. इन पहाड़ों की वजह से ही ये तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है. आप सोच रहे होंगे कि सिर्फ पहाड़ दिखने से ये तस्वीर वायरल क्यों है. इसमें खास बात क्या है? इस तस्वीर के साथ दावा किया गया कि ये उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की तस्वीर है. सहानपुर से सैकड़ों किलोमीटर दूर बर्फ की पहाड़ियां साफ दिखाई दे रही हैं. इन तस्वीरों के साथ एक वीडियो भी शेयर किया गया. ये वीडियो भी घर की छत से शूट किया गया. इस वीडियो में भी पहाड़ दिखाई दे रहे हैं. सहारपुर के ज्ञानेंद्र वाजपेई ने इन तस्वीरों को खुद खींचने का दावा किया. हमारी टीम ने पड़ताल आगे बढ़ाई तो सहारपुर के अशोक कुमार ने भी ऐसा ही दावा किया. इंटरनेट पर इन तस्वीरों की पड़ताल में हमें ये भी पता चला कि ये पहाड़ियां सहारनपुर से एयर डिस्टेंस के हिसाब से करीब 175 किलोमीटर दूर गंगोत्री की हो सकती हैं. हालांकि सड़क के रास्ते सहारनपुर से गंगोत्री करीब 315 किलोमीटर दूर है. सहारनपुर के अशोक कुमार पुष्कर और ज्ञानेंद्र वाजपेई के बयान के मुताबिक वायरल तस्वीरों में सहारपुर से पहाड़ और बर्फ की चोटियां दिखने का दावा सच साबित हुआ. ऐसा शायद लॉकडाउन की वजह से साफ हुए मौसम के कारण मुमकिन हुआ.
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सोशल मीडिया पर एक बेहद दिलचस्प वीडियो वायरल हो रहा है. क्वॉरंटीन सेंटर में मरीज़ मुर्गा मांग रहे हैं और ना देने पर नाराज़ हो रहे हैं. सच्चाई के सेंसेक्स में इस वायरल वीडियो की पड़ताल की गई. वीडियो में अपना परिचय दे रहे सईद भोपाली मुट्ठी बांध कह रहे हैं कि वो शेर की औलाद हैं और रोज मटन खाते हैं. रोज मटन खाना आम बात है. लेकिन दावा ये है कि सईद भोपाली क्वरंटीन सेंटर में बैठकर खाने में चिकन मटन मांग रहे हैं. वीडियो में आगे सईद भोपाली कहते दिखते हैं कि वो ये खाना किसी कीमत पर नहीं खाएंगे. ये वीडियो वॉट्सऐप पर वायरल हो रहा था लेकिन इसके पहले कि सईद भोपाली के अस्पताल में मुर्गा मटन मांगने की पूरी कहानी सामने आती उनका एक और वीडियो सामने आ गया जिसमें उनके सुर पूरी तरह बदले हुए थे. 38 सेकेंड के दूसरे वीडियो में सईद भोपाली ने 2 बार खाने की ताऱीफ की और शिवराज मामा को भी याद करते हुए कहा कि मामा के राज में भांजे के तो मज़े हैं. सईद भोपाली का ये कायाकल्प बड़ा हैरान करने वाला था. जो शख्स अस्पताल के बिस्तर पर बैठा मटन खाने पर अड़ा था वो अचानक भजिये खाकर खुश है और शिवराज सरकार की तारीफ भी कर रहा है. फेसबुक पर दोनों वीडियो शेयर करते हुए लिखा गया-शायद इनका कुछ 'इलाज' हुआ होगा. सईद भोपाली वीडियो में खुद ही बता रहे थे कि वो भोपाल के चिरायु अस्पताल में भर्ती हैं. पड़ताल में पता चला कि सईद भोपाली सरकारी विभाग में पेशे से ड्राइवर हैं और 2 वीडियो जारी करके तहलका मचाने वाले सईद भोपाली ने बाद में 2 और वीडियो बनाए जिसमें वो अस्पताल में मुर्गा मांगने वाले वीडियो पर शर्मिंदा थे. और माफी भी मांग रहे थे. अस्पताल में सईद भोपाली चिकन मांग रहे थे लेकिन अचानक उनके सुर क्यों बदले इसकी वजह तो नहीं पता चल सकी. लेकिन पड़ताल में अस्पताल में मुर्गा मांगने वाले मरीज़ का दावा सच साबित हुआ है.
सोशल मीडिया पर एक बेहद दिलचस्प वीडियो वायरल हो रहा है. क्वॉरंटीन सेंटर में मरीज़ मुर्गा मांग रहे हैं और ना देने पर नाराज़ हो रहे हैं. सच्चाई के सेंसेक्स में इस वायरल वीडियो की पड़ताल की गई. वीडियो में अपना परिचय दे रहे सईद भोपाली मुट्ठी बांध कह रहे हैं कि वो शेर की औलाद हैं और रोज मटन खाते हैं. रोज मटन खाना आम बात है. लेकिन दावा ये है कि सईद भोपाली क्वरंटीन सेंटर में बैठकर खाने में चिकन मटन मांग रहे हैं. वीडियो में आगे सईद भोपाली कहते दिखते हैं कि वो ये खाना किसी कीमत पर नहीं खाएंगे. ये वीडियो वॉट्सऐप पर वायरल हो रहा था लेकिन इसके पहले कि सईद भोपाली के अस्पताल में मुर्गा मटन मांगने की पूरी कहानी सामने आती उनका एक और वीडियो सामने आ गया जिसमें उनके सुर पूरी तरह बदले हुए थे. 38 सेकेंड के दूसरे वीडियो में सईद भोपाली ने 2 बार खाने की ताऱीफ की और शिवराज मामा को भी याद करते हुए कहा कि मामा के राज में भांजे के तो मज़े हैं. सईद भोपाली का ये कायाकल्प बड़ा हैरान करने वाला था. जो शख्स अस्पताल के बिस्तर पर बैठा मटन खाने पर अड़ा था वो अचानक भजिये खाकर खुश है और शिवराज सरकार की तारीफ भी कर रहा है. फेसबुक पर दोनों वीडियो शेयर करते हुए लिखा गया-शायद इनका कुछ 'इलाज' हुआ होगा. सईद भोपाली वीडियो में खुद ही बता रहे थे कि वो भोपाल के चिरायु अस्पताल में भर्ती हैं. पड़ताल में पता चला कि सईद भोपाली सरकारी विभाग में पेशे से ड्राइवर हैं और 2 वीडियो जारी करके तहलका मचाने वाले सईद भोपाली ने बाद में 2 और वीडियो बनाए जिसमें वो अस्पताल में मुर्गा मांगने वाले वीडियो पर शर्मिंदा थे. और माफी भी मांग रहे थे. अस्पताल में सईद भोपाली चिकन मांग रहे थे लेकिन अचानक उनके सुर क्यों बदले इसकी वजह तो नहीं पता चल सकी. लेकिन पड़ताल में अस्पताल में मुर्गा मांगने वाले मरीज़ का दावा सच साबित हुआ है.
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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है. दावा है ये कोरोना अस्पताल का वीडियो है. जहां कोरोना मरीजों को क्वॉरंटीन के लिए रखा गया है. वीडियो में दावा है कि अस्पताल में भर्ती लोगों की रिपोर्ट निगेटिव है. लेकिन अस्पताल में रहते हुए उन्हें कोरोना होने का खतरा है. इस वायरल वीडियो की हमने पड़ताल की गई. वीडियो में मरीजों के कुछ बेड दिख रहे हैं, बेड पर बैठे हुए मरीज भी दिखाई दे रहे हैं. वीडियो बना रहा व्यक्ति एक-एक कर अस्पताल में फैली गंदगी दिखाता है. साथ ही कहता है कि हम लोग स्वस्थ्य आए हैं और यहां से कोरोना पॉजिटिव होकर जाने की संभावना बढ़ रही है. हमारी रिपोर्ट निगेटिव है. अगर यहां से जाने के बाद हम पॉजिटिव हुए तो उसका जिम्मेदार कौन होगा. वायरल वीडियो में किए गए इस दावे को जिसने भी सुना उसके कान सन्न रह गए. वीडियो बनाने वाले ने अस्पताल का नाम नरायण मेडिकल कॉलेज जमघार बताया. पड़ताल में मामले को लेकर बीजेपी के राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण से बात की गई. उनका कहना है कि ये वीडियो किसने वायरल किया ये उन्हें नहीं पता. भारत सरकार और बिहार सरकार ने पूरी परिस्थितियां देखने के बाद कोविड-19 के लिए नारायरण मेडिकल कॉलेज को अधिगृहित किया. सरकार पूरी देखरेख कर रही है. बिहार सरकार रोज मॉनिटरिंग करती है बिहार की मॉनिटरिंग दिल्ली एम्स करता है. दिल्ली से लगातार मॉनिटरिंग होती रहती है. इसलिए इसमे मेरा कोई रोल नहीं है. बीजेपी के राज्य सभा सांसद गोपाल नारायण ने वीडियो उनके अस्पताल के होने की बात मानी. लेकिन इस वक्त अस्पताल को केंद्र सरकार और बिहार सरकार के अधीन बताया. लेकिन अस्पताल की गंदगी और व्यवस्था पर कोई बयान नहीं दिया. राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण और सिविल सर्जन के बयान के मुताबिक ये वीडियो बिहार के नारायण मेडिकल कालेज के होने का दावा सच है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है. दावा है ये कोरोना अस्पताल का वीडियो है. जहां कोरोना मरीजों को क्वॉरंटीन के लिए रखा गया है. वीडियो में दावा है कि अस्पताल में भर्ती लोगों की रिपोर्ट निगेटिव है. लेकिन अस्पताल में रहते हुए उन्हें कोरोना होने का खतरा है. इस वायरल वीडियो की हमने पड़ताल की गई. वीडियो में मरीजों के कुछ बेड दिख रहे हैं, बेड पर बैठे हुए मरीज भी दिखाई दे रहे हैं. वीडियो बना रहा व्यक्ति एक-एक कर अस्पताल में फैली गंदगी दिखाता है. साथ ही कहता है कि हम लोग स्वस्थ्य आए हैं और यहां से कोरोना पॉजिटिव होकर जाने की संभावना बढ़ रही है. हमारी रिपोर्ट निगेटिव है. अगर यहां से जाने के बाद हम पॉजिटिव हुए तो उसका जिम्मेदार कौन होगा. वायरल वीडियो में किए गए इस दावे को जिसने भी सुना उसके कान सन्न रह गए. वीडियो बनाने वाले ने अस्पताल का नाम नरायण मेडिकल कॉलेज जमघार बताया. पड़ताल में मामले को लेकर बीजेपी के राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण से बात की गई. उनका कहना है कि ये वीडियो किसने वायरल किया ये उन्हें नहीं पता. भारत सरकार और बिहार सरकार ने पूरी परिस्थितियां देखने के बाद कोविड-19 के लिए नारायरण मेडिकल कॉलेज को अधिगृहित किया. सरकार पूरी देखरेख कर रही है. बिहार सरकार रोज मॉनिटरिंग करती है बिहार की मॉनिटरिंग दिल्ली एम्स करता है. दिल्ली से लगातार मॉनिटरिंग होती रहती है. इसलिए इसमे मेरा कोई रोल नहीं है. बीजेपी के राज्य सभा सांसद गोपाल नारायण ने वीडियो उनके अस्पताल के होने की बात मानी. लेकिन इस वक्त अस्पताल को केंद्र सरकार और बिहार सरकार के अधीन बताया. लेकिन अस्पताल की गंदगी और व्यवस्था पर कोई बयान नहीं दिया. राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण और सिविल सर्जन के बयान के मुताबिक ये वीडियो बिहार के नारायण मेडिकल कालेज के होने का दावा सच है.

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