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Secunderabad Railway Station: निजाम ने बनवाया था सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन, अब पीएम मोदी पुनर्विकास की रखेंगे नींव, देखें तस्वीरें
Secunderabad Railways Station History: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 अप्रैल को सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की नींव रखेंगे. तेलंगाना के स्टेशन का पुनर्विकास 720 करोड़ की लागत से किया जाएगा.
![Secunderabad Railways Station History: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 अप्रैल को सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की नींव रखेंगे. तेलंगाना के स्टेशन का पुनर्विकास 720 करोड़ की लागत से किया जाएगा.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/07/2c9d620f2efb9ef9b8c44e73de72bfcc1680868720271426_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
सिकंदराबाद स्टेशन का पुनर्निर्माण
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![इस रेलवे स्टेशन की बिल्डिंग में बड़े पैमाने पर बदलाव होगा. इसे विश्व स्तरीय सुविधाओं और सुंदर तरीके से डिजायन किए गए स्टेशन में बदलने की योजना है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/07/8cb324ee48307cec437498dbcdc540159be3e.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इस रेलवे स्टेशन की बिल्डिंग में बड़े पैमाने पर बदलाव होगा. इसे विश्व स्तरीय सुविधाओं और सुंदर तरीके से डिजायन किए गए स्टेशन में बदलने की योजना है.
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![पीएम मोदी सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर सिकंदराबाद-तिरुपति वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. सिकंदराबाद-तिरुपति वंदे भारत एक्सप्रेस, आईटी सिटी हैदराबाद को भगवान तिरुपति से जोड़ेगी.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/07/c93473463fdc4ff94dec0c56c059e2f11b3b8.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पीएम मोदी सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर सिकंदराबाद-तिरुपति वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. सिकंदराबाद-तिरुपति वंदे भारत एक्सप्रेस, आईटी सिटी हैदराबाद को भगवान तिरुपति से जोड़ेगी.
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![तीन महीने की छोटी अवधि के भीतर तेलंगाना से शुरू की जाने वाली दूसरी वंदे भारत ट्रेन है. तो आइए जानते हैं निजाम के बनवाए हुए स्टेशन की कहानी जहां पीएम मोदी रखेंगे पुनर्निर्माण की नींव.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/07/b81b5e185778bcae6537a94d0a67f2949908e.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
तीन महीने की छोटी अवधि के भीतर तेलंगाना से शुरू की जाने वाली दूसरी वंदे भारत ट्रेन है. तो आइए जानते हैं निजाम के बनवाए हुए स्टेशन की कहानी जहां पीएम मोदी रखेंगे पुनर्निर्माण की नींव.
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![निजाम की गारंटीड स्टेट रेलवे (एनजीएसआर) भारत में संचालित एक रेलवे कंपनी थी. इसका स्वामित्व हैदराबाद राज्य के निजामों के पास था. इस कंपनी की शुरुआत निजाम ने निजी तौर पर सिर्फ एक लाइन का निर्माण कराकर की गई थी.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/07/0620a94c42ee6433345e9a5eaabafca5ef76c.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
निजाम की गारंटीड स्टेट रेलवे (एनजीएसआर) भारत में संचालित एक रेलवे कंपनी थी. इसका स्वामित्व हैदराबाद राज्य के निजामों के पास था. इस कंपनी की शुरुआत निजाम ने निजी तौर पर सिर्फ एक लाइन का निर्माण कराकर की गई थी.
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![इसके लिए निजाम असफ जाह-2 ने ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ साल 1798 में एक एग्रीमेंट साइन किया था. ये प्रस्ताव हैदराबाद के सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन से वाडी जंक्शन तक एक रेलवे लाइन के निर्माण के लिए था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/07/e9658a7f3eb5264a430adabb9fc4f3254e754.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इसके लिए निजाम असफ जाह-2 ने ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ साल 1798 में एक एग्रीमेंट साइन किया था. ये प्रस्ताव हैदराबाद के सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन से वाडी जंक्शन तक एक रेलवे लाइन के निर्माण के लिए था.
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![इसका निर्माण 1870 में शुरू हुआ और 1874 में ये लाइन पूरी हो गई. इसके बाद इस लाइन को काजीपेट फिर इसके बाद विजयवाड़ा तक बढ़ाया गया. साल 1899 में विजयवाड़ा और चेन्नई सेंट्रल के बीच ब्रॉड गेज कनेक्शन खोला गया. इससे दोनों शहरों के बीच रेल यात्रा संभव हो गई. साल 1916 में एक और रेलवे टर्मिनल कांचीगुडा रेलवे स्टेशन को इसका मुख्यालय बनाया गया.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/07/0ea7e07afcb058d52e62520abd12d88b2c465.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इसका निर्माण 1870 में शुरू हुआ और 1874 में ये लाइन पूरी हो गई. इसके बाद इस लाइन को काजीपेट फिर इसके बाद विजयवाड़ा तक बढ़ाया गया. साल 1899 में विजयवाड़ा और चेन्नई सेंट्रल के बीच ब्रॉड गेज कनेक्शन खोला गया. इससे दोनों शहरों के बीच रेल यात्रा संभव हो गई. साल 1916 में एक और रेलवे टर्मिनल कांचीगुडा रेलवे स्टेशन को इसका मुख्यालय बनाया गया.
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![9 अक्टूबर साल 1874 में वाडी-सिकंदराबाद का निर्माण शुरू किया गया जो 194.36 किमी. था. फिर सिकंदराबाद-वारंगल का निर्माण 8 अप्रैल 1886 में शुरू किया जो 40.57 किमी का था. इसके बाद वारंगल और डोरनाकल स्टेशन 1 जनवरी 1888 में 84.42 किमी का निर्माण शुरू किया गया.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/07/1ce3456f1fe97a553b709b6544fd2f1fa3704.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
9 अक्टूबर साल 1874 में वाडी-सिकंदराबाद का निर्माण शुरू किया गया जो 194.36 किमी. था. फिर सिकंदराबाद-वारंगल का निर्माण 8 अप्रैल 1886 में शुरू किया जो 40.57 किमी का था. इसके बाद वारंगल और डोरनाकल स्टेशन 1 जनवरी 1888 में 84.42 किमी का निर्माण शुरू किया गया.
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![फिर डोरनाकल से बोनाकालू स्टेशन 5 अगस्त 1888 को 51.28 किमी का निर्माण शुरू किया गया. बोनाकालू से वेजवाडा (विजयवाड़ा) का निर्माण कार्य 10 फरवरी 1889 को शुरू किया गया जो 73.90 किमी. का था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/07/29337ce81abdf974cf6678a2a5e4f34fad249.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
फिर डोरनाकल से बोनाकालू स्टेशन 5 अगस्त 1888 को 51.28 किमी का निर्माण शुरू किया गया. बोनाकालू से वेजवाडा (विजयवाड़ा) का निर्माण कार्य 10 फरवरी 1889 को शुरू किया गया जो 73.90 किमी. का था.
Published at : 07 Apr 2023 05:51 PM (IST)
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