जानें कौन है शंकर सिंह, जिन्होंने रुपौली उपचुनाव में RJD और JDU के उम्मीदवारों को दी पटखनी
बिहार की रुपौली विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह ने बड़ी जीत दर्ज की. उन्हें इस चुनाव में 68,000 से ज्यादा वोट मिले. उन्होंने जेडीयू के कलाधर मंडल को 8 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया.
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View In Appदरअसल, रुपौली विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह की जीत इसलिए खास मानी जा रही है, क्योंकि न सिर्फ उन्होंने इस उपचुनाव को जीता है, बल्कि जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के गढ़ में जीत करके दिखाया है. रुपौली विधानसभा सीट बीते 15 सालों से जेडीयू के पास थी.
रुपौली विधानसभा उपचुनाव में जीते निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह को इस इलाके में एक बाहुबली के तौर पर जाना जाता था. शंकर सिंह की राजनीति में एंट्री 2005 में हुई. उन्होंने उस दौरान न सिर्फ लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा बल्कि विधायक बनकर विधानसभा भी सदन पहुंचे.
शंकर सिंह इस बार के उपचुनाव में बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे. उनके सामने राष्ट्रीय जनता दल की बीमा भारती और जनता दल यूनाइटेड के कलाधर मंडल को हराने की चुनौती थी.
बिहार की रुपौली विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह ने बड़ी जीत दर्ज की है. शंकर सिंह को इस चुनाव में 68000 से ज्यादा वोट मिले हैं. उन्होंने जेडीयू के कलाधर मंडल को 8 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया है.
शंकर सिंह के करीबियों के मुताबिक, उन्हें अपनी जनता पर पूरा भरोसा था. उन्हें पता था कि अगर वह इस बार के चुनाव में निर्दलीय भी मैदान में उतरे तो उन्हें जीतने से कोई नहीं रोक सकता. क्योंकि, जनता के विश्वास के बदौलत इस बार के चुनाव में बतौर निर्दलीय उम्मीदवार लड़े. साथ ही इस सीट को अपने नाम पर दर्ज की.
रुपौली उपचुनाव से पहले पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने आरजेडी उम्मीदवार बीमा भारती को अपना समर्थन देने का ऐलान किया था. ऐसे में ये तय था कि पप्पू यादव जिस भी उम्मीदवार का समर्थन करेंगे जनता उसके लिए खासतौर पर मतदान करेगी. मगर, शंकर सिंह ने अपनी जीत के साथ ही पप्पू यादव के इस तिलिस्म को भी तोड़ दिया.
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