IN PICS: लखीमपुर खीरी हिंसा के विरोध में SKM का ‘रेल रोको’ प्रदर्शन, कई ट्रेन किए गए रद्द
लखीमपुर खीरी हिंसा पर संयुक्त किसान मोर्चा के सोमवार को छह घंटे के ‘रेल रोको’ प्रदर्शन से उत्तर रेलवे मंडल में 150 स्थानों पर असर पड़ा और 60 ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई. मुख्य जन संपर्क अधिकारी ने यह जानकारी दी.
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View In Appप्रदर्शन के कारण उत्तर पश्चिम रेलवे (एनडब्ल्यूआर) के राजस्थान और हरियाणा में कुछ प्रखंडों में रेल यातायात बाधित रहा, 18 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया, 10 को आंशिक रूप से रद्द किया गया और एक ट्रेन का मार्ग परिवर्तित किया गया.
अधिकारी ने बताया कि उत्तर रेलवे मंडल पर जिन ट्रेनों पर प्रदर्शन का असर पड़ा, उनमें चंडीगढ़-फिरोजपुर एक्सप्रेस शामिल है. लुधियाना से इसे सुबह सात बजे गंतव्य के लिए रवाना होना था लेकिन फिरोजपुर-लुधियाना प्रखंड में अवरोध के कारण यह वहां फंसी रही.
नयी दिल्ली-अमृतसर शताब्दी एक्सप्रेस शम्बू स्टेशन के पास रोक दी गयी क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने साहनेवाल और राजपुरा के समीप रेल की पटरियां अवरुद्ध कर दी थीं. उत्तर रेलवे के सीपीआरओ ने कहा, ‘‘अभी तक उत्तर रेलवे मंडल में 150 स्थानों पर प्रदर्शन का असर पड़ा है और 60 ट्रेनों का संचालन बाधित है. करीब 25 यात्री और कम दूरी की ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है.’’
राजस्थान में किसानों ने हुनमानगढ़ जिले में रेल की पटरियों और जयपुर जंक्शन स्टेशन के एंट्री गेट पर प्रदर्शन किया तथा केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकारों के खिलाफ नारे लगाए. एनडब्ल्यूआर के एक प्रवक्ता ने बताया कि भिवानी-रेवाड़ी, सिरसा-रेवाड़ी, लोहारू-हिसार, सूरतगढ़-बठिंडा, सिरसा-बठिंडा, हनुमानगढ़-बठिंडा, रोहतक-भिवानी, रेवाड़ी-सादुलपुर, हिसार-बठिंडा, हनुमानगढ़-सादुलपुर और श्रीगंगानगर-रेवाड़ी प्रखंडों पर रेल यातायात प्रदर्शन के कारण बाधित रहा.
फिरोजपुर-हनुमानगढ़ स्पेशल ट्रेन, लुधियाना-हिसार स्पेशल ट्रेन, बठिंडा-श्रीगंगानगर स्पेशल ट्रेन, बठिंडा-लालगढ़ स्पेशल ट्रेन, फुलेरा-रेवाड़ी स्पेशल ट्रेन, रेवाड़ी-जोधपुर स्पेशल ट्रेन, रतनगढ़-चुरू स्पेशल ट्रेन और चुरू-बीकानेर स्पेशल ट्रेन समेत 18 ट्रेनों को सोमवार को रद्द कर दिया गया. प्रदर्शन के कारण 10 ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द कर दिया गया.
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान संघों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एक बयान में कहा था, ‘‘लखीमपुर खीरी मामले में जब तक न्याय नहीं मिल जाता, तब तक प्रदर्शन तेज किए जाएंगे.’’
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