ममता के कट्टर विरोधी अधीर रंजन का कटा पत्ता, कांग्रेस ने इस नेता को बनाया बंगाल का प्रदेश अध्यक्ष
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन पश्चिम बंगाल में कुछ खास नहीं रहा, जिसे देखते हुए पार्टी ने पश्चिम बंगाल का कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी की जगह किसी और को बना दिया है. ये तो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के पर कतरने जैसी बात हो गई है.
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View In Appकांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में प्रदेश अध्यक्ष के पद पर अधीर रंजन चौधरी की जगह सुभांकर सरकार को बैठा दिया है.
लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी खुद बहरामपुर से चुनावी मैदान में उतरे थे, लेकिन वह हार गए थे.
पश्चिम बंगाल से कांग्रेस को केवल एक ही सीट पर जीत मिली है, जो है मालदा दक्षिण लोकसभा सीट जहां से ईशा खान चौधरी चुनावी मैदान में उतरी थीं.
पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का प्रदर्शन लोकसभा चुनाव में इतना खराब रहा की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अधीर रंजन चौधरी ने खुद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. चुनाव के दौरान टीएमसी के साथ गठबंधन न होने के पीछे का सबसे बड़ा कारण अधीर रंजन चौधरी का विरोध था.
लोकसभा चुनाव में नतीजे सामने के आने के बाद भी अधिर रंजन चौधरी ममता बनर्जी के प्रति नरमी बरतने को तैयार नहीं थे, जिसके कारण कांग्रेस नेतृत्व के सामने कई प्रकार की असहज परिस्थितियों आ गई थी.
एक तरफ कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस को राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन का हिस्सा बात कर चल रही है, तो वहीं पश्चिम बंगाल में उसके नेता खुद टीएमसी के खिलाफ मैदान में उतर रहे थे.
वहीं बात करें सुभांकर सरकार की तो वह अब तक कांग्रेस के महासचिव के रूप में काम कर रहे थे, लेकिन अब सरकार को कांग्रेस ने नई जिम्मेदारी दे दी है. उनके उपर पार्टी को फिर एक बार राज्य में खड़ा करने और टीएमसी के साथ रिश्तों को लेकर एक लाइन लेने की जिम्मेदारी होगी.
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