Sudhanshu Trivedi Speech: अयोध्या में हार को सुधांशु त्रिवेदी ने बनाया 'सियासी हथियार', राज्यसभा में विपक्ष पर यूं बरसे
लोकसभा चुनाव में अयोध्या में हार को लेकर विपक्ष ने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा था. इसको लेकर भाजपा के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने विपक्ष को करारा जवाब दिया. राज्यसभा में स्पीच देते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि हमारे मन में नालंदा, बोधगया के साथ-साथ भव्य श्री राम मंदिर का भी विषय आता है.
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View In Appउन्होंने विपक्ष पर तंज करते हुए कहा कि यह बड़ी मजेदार बात है कि अयोध्या सीट पर हमें वांछित सफलता नहीं मिली, इसे लेकर विपक्षियों के चेहरे पर बड़ी खुशी है. अयोध्या में भाजपा को सफलता न मिलने को लेकर विरोधी कह रहे हैं कि आप अयोध्या, बस्ती, प्रयागराज, चित्रकूट, नासिक, रामटेक और रामेश्वरम हार गए. विपक्षियों ने सारे भगवान राम से जुड़े स्थलों के बारे में कहा कि यहां भाजपा हार गई है.
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, विपक्षी समझ नहीं पाए कि प्रभु की लीला क्या? सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जो लोग कहते थे कि राम हुए ही नहीं है और उनके अस्तित्व का सबूत मांगते थे. वह उत्तर से लेकर दक्षिण तक राम से जुड़े स्थलों का सबूत दे रहे हैं.
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि विपक्षियों को लगता है कि भगवान राम हमें हराने के लिए आए थे, लेकिन ऐसा नहीं हैं. भगवान राम आपको अपना अस्तित्व मनवाने के लिए आए थे. उन्होंने कहा कि भगवान राम को भी नागपाश लगा था, तो राम विरोधियों में खुशी की लहर आ गई थी, लेकिन वो प्रभु की लीला थी हनुमान जी को उनकी शक्तियां याद दिलाने के लिए.
समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बसपा ने मिलकर यूपी में सरकार बनाई थी. तब एक नारा दिया गया था कि “मिले मुलायम कांशीराम हवा में उड़ गए जय श्री राम”, लेकिन हम तब भी डगमगाए नहीं थे और 3 साल में केंद्र में सरकार बनाकर दिखा दी थी. उसके बाद उत्तर प्रदेश में भी सरकार बनी थी. अब जब अंतर आया है तो आप हवा में उड़ने की बात कर रहे हैं. एक-एक राम स्थलों को गिनवा रहे हैं.
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि श्री राम का विषय हमारे लिए हार जीत का विषय बिल्कुल भी नहीं है. हम दो सीटे रहने के बावजूद भी उतनी ही श्रद्धा और निष्ठा के साथ खड़े थे, हम 86 सीट पर, 120 पर, 182 पर, 282 पर, 303 पर और 240 पर भी वैसे ही खड़े हैं. यह विपक्षियों के लिए है चुनावी हार जीत का विषय हमारे लिए नहीं.
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