'थोड़ा पढ़ो भाई! कैसे बनोगे...', CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट में किससे कहा ये
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (9 जुलाई) को अखिल भारतीय बार परीक्षा के लिए कट-ऑफ कम करने की मांग वाली याचिका खारिज की. जिसमें सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कट-ऑफ कम करने की मांग करने वाले याचिकाकर्ता को सलाह दी कि उन्हें पढ़ना चाहिए, जिससे वो पड़ लिखकर एक बेहतर एडवोकेट बन सकें.
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View In Appदरअसल, अखिल भारतीय बार परीक्षा’, बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित की जाती है. जिसमें लॉ प्रैक्टिनर्स को अपनी प्रैक्टिस शुरू करने के लिए इसे पास करना अनिवार्य होता है. हालांकि, ये एग्जाम साल में 2 बार 10 से ज्यादा भाषाओं में आयोजित की जाती है और इसे किसी भी उम्र में भाग ले सकते हैं.
सामान्य श्रेणी के लिए 45 और एससी/एसटी के लिए 40 का कट ऑफ रखा है। अगर वे इतने अंक नहीं ला सकते तो वे किस तरह के वकील होंगे? आप इसे घटाकर 40 और 35 करने के लिए कह रहे हैं!
हाल ही में, सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत एक प्रश्न के जवाब में, बार काउंसिल ने कहा था कि पिछले साल परीक्षा देने वाले 50 प्रतिशत से अधिक उम्मीदवार इसे पास करने में असफल रहे थे.
अखिल भारतीय बार परीक्षा के अनुसार, यह एक खुली किताब परीक्षा है. जिसका उद्देश्य कानून का अभ्यास करने के इच्छुक उम्मीदवार के बुनियादी स्तर के ज्ञान और विश्लेषणात्मक कौशल का आकलन करना है.
इस एग्जाम में संवैधानिक कानून, आपराधिक कानून, जनहित याचिका, पर्यावरण कानून और इंडस्ट्रियल कानून सहित कई विषय शामिल होते हैं. इसके अलावा कई अन्य शाखाओं के साथ टैक्सेशन और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी लॉ भी सिलेबस का हिस्सा हैं.
इसी तरह की एक अन्य याचिका पर मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) द्वारा आयोजित एआईबीई के लिए आवेदन शुल्क कम करने की याचिका को खारिज कर दिया था.
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