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Tirupati Balaji Temple: तिरुपति के पास कितनी दौलत? जानें कैसे काम करता है मंदिर ट्रस्ट
Temple Trust: तिरुपति बालाजी मंदिर भारत का सबसे अमीर मंदिर है जिसकी संपत्ति 2.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है. ये मंदिर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट की ओर से प्रबंधित होता है.

तिरुपति बालाजी मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है जिसकी अनुमानित संपत्ति 2.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है. ये मंदिर आंध्र प्रदेश के तिरुपति शहर में स्थित है और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ट्रस्ट द्वारा संचालित है. TTD ट्रस्ट मंदिर के प्रबंधन और प्रशासन की जिम्मेदारी संभालता है.
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तिरुपति बालाजी मंदिर ट्रस्ट के पास अपार संपत्तियां हैं. इनमें 11,329 किलो सोना है जिसकी कीमत करीब 8,496 करोड़ रुपये है. इसके अलावा ट्रस्ट के पास 7,600 एकड़ से ज्यादा जमीन है जिसमें 6,000 एकड़ वन भूमि और 1,226 एकड़ कृषि भूमि शामिल है.
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तिरुपति बालाजी मंदिर ट्रस्ट के पास 75 जगहों पर 7,636 एकड़ अचल संपत्तियां और 307 स्थानों पर विवाह स्थल हैं. देश भर में 71 मंदिरों का संचालन इस ट्रस्ट की ओर से किया जाता है. इन संपत्तियों से ट्रस्ट को स्थिर आय मिलती है जो मंदिर के अलग-अलग कामों में मदद करती है.
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मंदिर ट्रस्ट की कमाई के कई स्रोत हैं. श्रद्धालुओं से मिलने वाला चढ़ावा, प्रसाद की बिक्री, दर्शन टिकट और मंदिर संपत्ति के ब्याज से प्राप्त राशि इनमें शामिल हैं. साथ ही बालों के दर्शन पर बेचे जाने से भी आय होती है.
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प्रसादम की बिक्री से ट्रस्ट को 600 करोड़ रुपये की कमाई का अनुमान है. दर्शन टिकट से 338 करोड़ रुपये और कर्मचारियों को दिए गए लोन व एडवांसेज से 246.39 करोड़ रुपये की उम्मीद है. इसके अलावा ट्रस्ट को बाकी पूंजी प्राप्तियों से भी आय होती है जैसे कल्याणकत्ता रिसीट से 151.5 करोड़ रुपये.
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मंदिर ट्रस्ट को चढ़ावे के रूप में 1,611 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है जो मंदिर की आय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. ये आय ट्रस्ट को मंदिर के अलग-अलग कार्यों को बढ़ावा देने में मदद करती है और उसे अपनी धार्मिक सेवाओं को बनाए रखने के लिए समर्थ बनाती है.
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ट्रस्ट अपने बजट का एक बड़ा हिस्सा कर्मचारियों को भुगतान करने में खर्च करता है. 1,733 करोड़ रुपये एचआर पेमेंट्स पर खर्च होंगे जो हुंडी कलेक्शन से प्राप्त रकम का 122 करोड़ रुपये ज्यादा है. इसके अलावा मटीरियल्स की खरीद पर 751 करोड़ रुपये और बाकी निवेशों पर 750 करोड़ रुपये खर्च होते हैं.
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मंदिर ट्रस्ट के पास एसवीआईएमएस अस्पताल है जिसमें इंजीनियरिंग कार्यों के लिए 60 करोड़ रुपये और अस्पताल को 80 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाता है. इंजीनियरिंग मेंटनेंस के काम पर करीब 190 करोड़ रुपये और फैसिलिटी मैनेजमेंट सर्विसेज पर 80 करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं.
Published at : 09 Jan 2025 03:00 PM (IST)
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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