'पहले ट्रैवल एजेंट्स ने बेचा, फिर चमड़े की बेल्ट से होती थी पिटाई, कमरे में...', खाड़ी देशों में यूं होता है औरतों का टॉर्चर
खाड़ी देशों से फंसने वाली भारत की एक महिला को जमकर टॉर्चर किया गया. वहां उसे हर रोज चमड़े की बेल्ट से बुरी तरह पीटा जाता था. फिर घर का काम करने के बाद कमरे में बंद कर दिया जाता था.
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View In Appपीड़िता ने दर्दभरी आपबीती वहां से लौटकर आने के बाद सुनाई है. राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल की कोशिशों के चलते विधवा की यह बेटी खाड़ी के दो देशों से जान बचाकर वतन लौट आई है.
जानकारी के मुताबिक, ट्रैवल एजेंट्स ने धोखे से उसे ओमान के मस्कट में बेच दिया था. खाड़ी देश में पांच महीने की नरक जैसी जिंदगी बिताने वाली लड़की ने बताया कि कैसे इन एजेंट्स ने उसे फुसलाया था.
पंजाब के जालंधर निवासी पीड़िता का आरोप है कि ट्रैवल एजेंट ने उसे दुबई भेजने के लिए 30 हजार रुपए लिए थे पर उसे धोखे से मस्कट में फंसा दिया गया. वहां उसे हर रोज बुरी तरह मारा-पीटा जाता था.
पीड़िता का आरोप है कि चमड़े की बेल्ट से उसकी पिटाई होती थी. पूरे दिन घर का काम करने के बाद उसे दफ्तर के अंदर बंद कर दिया जाता था. ये सब झेलने पर उसने उम्मीद छोड़ दी थी कि वह जिंदा बचेगी.
लड़की ने बताया कि उस पर जो अत्याचार हुआ, वह बहुत भयानक था. कभी-कभी तो इतनी पिटाई होती थी कि वह बेहोश हो जाती थी. वह फरवरी में परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए ए दुबई गई थी.
पीड़िता की विधवा मां को जब बेटी के हाल का पता चला तो उन्होंने राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल से संपर्क साधा और उसकी जान बचाने की गुहार लगाई. उन्हीं के प्रयासों से पीड़िता वापस लाई गई.
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