हिट एंड रन पर बवाल: जब सड़कों पर रुकी रफ्तार तो सरकार ने कानून पर लगाया ब्रेक, जानें कैसे खत्म हुआ प्रोटेस्ट
देश में लगातार बढ़ रहे हिट एंड रन के मामलों को देखते हुए भारतीय न्याय संहिता में हाल ही में बड़े बदलाव किए गए थे. नए बदलावों के मुताबिक, सड़क दुर्घटना में किसी व्यक्ति की मौत हो जाने पर ट्रक ड्राइवर पर जुर्माने के साथ-साथ सजा की अवधि भी बढ़ा दी गई.
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View In Appभारतीय न्याय संहिता में सड़क दुर्घटना में मौत हो जाने पर जुर्माना और 2 साल की सजा का प्रावधान है, लेकिन नए कानून में सजा की अवधि को बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया था.
नए कानून के मुताबिक, अगर अपराधी घटनास्थल से भाग जाता है या घटना की रिपोर्ट कराने में असफल रहता है तो उसकी सजा की अवधि 10 साल या उस पर 7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.
कानून में किए गए इस बड़े बदलाव के बाद देशभर के ट्रक ड्राइवरों ने तीन दिन की हड़ताल बुलाई थी. ड्राइवर्स ने इसे काला कानून बताते हुए शर्त रखी कि जब तक सरकार इसे वापस नहीं लेती तब तक वह हड़ताल पर बैठ रहेंगे.
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम जानबूझकर किसी घटना को अंजाम नहीं देते. उनका कहना है कि एक्सीडेंट की मुख्य वजह छोटे वाहन ड्राइवरों की गलती होती है.
प्रदर्शनकारी ट्रक ड्राइवरों ने कहा कि सड़क दुर्घटना होने पर घटनास्थल पर लोगों की भीड़ लग जाती है और एक्सीडेंट के लिए बड़े वाहनों को जिम्मेदार ठहरा दिया जाता है. ऐसे में उनका घटनास्थल पर रुकना खतरे से खाली नहीं होता है.
प्रदर्शन को देखते हुए 2 जनवरी को केंद्र सरकार ने ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के साथ बैठक की और ऐलान किया कि हिट एंड रन कानून के बदलाव को अभी लागू नहीं किया जाएगा.
गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि कानून बनाने से पहले ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के साथ बैठक की जाएगी. ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने ट्रक ड्राइवरों से काम पर लौट जाने की अपील की है.
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