सच्चाई का सेंसेक्स: केंद्रीय कर्मचारियों की वेतन कटौती के दावों का सच जानें
सोशल मीडिया पर लॉकडाउन के दौरान तलवार लहराने का एक वीडियो वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है अपना वर्चस्व जमाने के लिए एक शख्स ने मोहल्ले में खुलेआम तलवार लहराई. वीडियो में दावा किया जा रहा है कि इस शख्स ने तलवार से एक व्यक्ति पर हमला किया और उसे बुरी तरह घायल कर दिया. वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. वीडियो की सच्चाई और दावों की पड़ताल की गई. पुलिस से हमें पता चला ये मामला गाजियाबाद के लोनी का है. गाजियाबाद के एसपी देहात के मुताबिक विवाद के बाद तलवार लिए युवक ने हमला किया. लेकिन घायल अरविंद का कहना है उसे पता नहीं कि आरोपी ने उस पर क्यों हमला किया. तलवारबाजी का ये वायरल वीडियो लॉकडाउन के दौरान का है ये दावा सच साबित हुआ. साथ ही हाथ में तलवार लिए दिख रहे युवक के हमला करने का दावा भी सच साबित हुआ.
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View In Appसोशल मीडिया पर पहुंचे एक सरकारी नोटिस की बड़ी तेज चर्चा हो रही है. दावा किया जा रहा है कि पूरे एक साल तक हर महीने केंद्रीय कर्मचारियों का एक दिन का वेतन कोरोना के लिए काटा जाएगा. इस नोटिस में लाल रंग से लिखा हुआ है- केंद्रीय कर्मचारियों का एक दिन का वेतन प्रत्येक माह एक साल तक कटेगा. मुमकिन है कि नोटिस में ये लाइनें ऊपर से किसी ने लिखी हों क्योंकि पूरा सर्कुलर अंग्रेजी में है. राजस्व विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से ये अपील करने का फैसला हुआ है कि वो मार्च 2021 तक हर महीने एक दिन का वेतन पीएम केयर फंड में कोरोना से लड़ने के लिए दान करें. इस वायरल नोटिस की पड़ताल की तो पता चला कि ये राजस्व विभाग का सर्कुलर है. लेकिन लाल रंग से लिखी ये लाइनें गलत हैं क्योंकि एक दिन का वेतन देने की अपील स्वैच्छिक है. यानि जो कर्मचारी नहीं देना चाहे वो ना दे. इसलिए हमारी पड़ताल में ये सर्कुलर तो सच्चा साबित हुआ है लेकिन इसके साथ किया जा रहा वेतन कटौती का दावा झूठा है.
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि एक फल वाला पेशाब के छींटे डालकर केले बेंच रहा है. दावा है कि एक बुजुर्ग ऐसा करते हुए रंगे हाथ पकड़े गए हैं. सच्चाई के सेंसेक्स में इस वायरल वीडियो की पड़ताल की ताकि चौंकाने वाले दावे का सच देश के सामने आ सके. डेढ़ मिनट का वीडियो शुरू होता है तो सफेद रंग का कुर्ता पायजामा पहने एक बुजुर्ग सड़क पर खड़े दिखाई देते हैं वीडियो बनाने वाला शख्स उनसे थोड़ा आगे आने के लिए कहता है. अगले ही पल वो बुजुर्ग शख्स पहले कान पकड़ता है और फिर बीच सड़क पर उठक बैठक करना शुरू कर देता है. वीडियो यहां खत्म हो जाता है लेकिन खत्म होते-होते इस बात का पता बता जाता है कि मामला यूपी के बिजनौर का है. साथ ही इलाके के एक शख्स ने पुलिस ने मामले की शिकायत दर्ज कराई थी. पड़ताल में थाने में शिकायत की कॉपी में आरोप था कि गंदा पानी केल पर छिड़का गया. पेशाब की बात शिकायत कॉपी में नहीं थी. यानी कि कहा जा सकता है कि आरोपी ने केले पर पेशाब नहीं छिड़का, आरोपी ने बोतल मे जमा गंदा पानी केले पर छिड़का. यानि कि केले पर पेशाब छिड़कने का दावा झूठा है.
मध्य प्रदेश के बच्चों ने कोरोना को हराने के लिए जिस तरीके को ईजाद किया है उसकी तारीफ पूरा देश कर रहा है. 14 सेकेंड का ये वीडियो सोशल मीडिया पर पहुंचा तो देखने वाले दंग रह गए. बांस और रस्सी का सहारा लेकर दो बोतलें लटकाई गई हैं. एक तरफ बोतल में साबुन भरा हुआ है और दूसरी तरफ पानी. बोतल के ढक्कन में छोटा सा छेद कर दिया गया है. अपने घरों में जैसे आप डस्टबिन को पैर से दबाकर खोलते हैं वैसी ही व्यवस्था यहां बोतल का मुंह नीचे की तरफ लाने के लिए की गई है. और इसी तरीके से हाथ में साबुन लगाकर कोरोना को धोया जा रहा है. हमने ये हाथ धोने के लिए बनाया है जो बाहर से आएंगे वो यहां हाथ धोएंगे. फिर किसी चीज को हाथ लगाएंगे तो उस चीज पर कीटाणु नहीं जाएंगे. बच्चों ने ये व्यवस्था इसलिए है ताकि इनके गांव में बाहर से दाखिल होने वाला कोई शख्स कोरोना वायरस को अपने साथ लेकर ना घुस सके. पड़ताल में वीडियो सच साबित हुआ है.
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