चमोली के ऋषिगंगा घाटी के टनल में जिंदगी की तलाश जारी, 171 लोग अब भी लापता, देखें रेस्क्यू ऑपरेशन की तस्वीरें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नई दिल्ली में उत्तराखंड के सांसदों के साथ बैठक की. इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद थे.
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View In Appऋषिगंगा घाटी के रैंणी क्षेत्र में ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों में आई बाढ़ से क्षतिग्रस्त 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा और 480 मेगावाट की निर्माणाधीन तपोवन विष्णुगाड पनबिजली परियोजनाओं में लापता लोगों की तलाश के लिए सेना, आइटीबीपी,एनडीआरएफ के जवानों के बचाव और राहत अभियान में जुट जाने से तेजी आई है.
आपदा प्रभावित क्षेत्र तपोवन क्षेत्र में बिजली परियोजना की छोटी सुरंग से 12 लोगों को रविवार को ही बाहर निकाल लिया गया था जबकि 250 मीटर लंबी दूसरी सुरंग में फंसे 35 लोगों को बाहर निकालने के लिए अभियान जारी है. सुरंग के घुमावदार होने के कारण उसमें से मलबा निकालने और अंदर तक पहुंचने में मुश्किलें आ रही हैं.
बचाव और राहत अभियान में बुलडोजर, जेसीबी आदि भारी मशीनों के अलावा रस्सियों और स्निफर कुत्तों का भी उपयोग किया जा रहा है.
केंद्रीय उर्जा मंत्री आरके सिंह ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और बताया कि एनटीपीसी की निर्माणाधीन 480 मेगावाट तपोवन विष्णुगाड परियोजना को अनुमानित 1,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
उत्तराखंड राज्य आपदा परिचालन केंद्र के मुताबिक, लापता लोगों में पनबिजली परियोजनाओं में कार्यरत लोगों के अलावा आसपास के गांवों के स्थानीय लोग भी है जिनके घर बाढ़ के पानी में बह गए.
सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घटनास्थल का दौरा किया. इसके बाद तपोवन में राहत बचाव कार्य में जुटे बल के साथ बैठक की. बैठक में आईजी, डीआईजी, डीएम, एसपी, आर्मी, आईटीबीपी, बीआरओ और एनटीपीसी के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में रविवार को अचानक आई बाढ से प्रभावित क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. अब तक 26 शव बरामद किए गए हैं और 171 अन्य अभी भी लापता हैं.
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