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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
17 दिनों में कभी अटकी सांसें तो कभी आई राहत की खबर... तस्वीरों में देखें रेस्क्यू ऑपरेशन में आए टर्निंग प्वाइंट्स
Uttarakhand Tunnel Rescue Operation: उत्तरखंड के उत्तरकाशी में टनल के अंदर फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन 17 वें दिन भी जारी है. बचाव अभियान अब अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही मजदूरों को सुरंग से बाहर निकाल लिया जाएगा.
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View In Appटनल के बाहर मजदूरों के परिजन उनके निकलने का इंतजार कर रहे हैं और उनकी सलामती की दुआएं कर रहे हैं.
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार मजदूरों को एयरलिफ्ट करने के लिए चिनूक हेलीकॉप्टर भी तैनात किया गया है. साथ ही मेडिकल सुविधाओं का बंदोबस्त कर लिया गया है.
हालांकि, मजदूरों को टनल से बाहर निकालने का यह अभियान इतना आसान नहीं रहा. रेस्क्यू के दौरान कई बाधाएं और कई टर्निंग पॉइंट आए, तब जाकर यह रेस्क्यू ऑपरेशन सफल हो सका. चलिए अब आप इन्हीं 5 टर्निंग पॉइंट के बारे में बताते हैं.
1- उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल धंसने के बाद मजदूरों को निकालने के लिए 12 नवंबर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. हालांकि, रेस्क्यू टीम को कामयाबी नहीं मिल सकी. इसके चलते अमेरिका से ऑगर मशीनें मंगाई गईं.
2- इस दौरान मजदूरों तक पाइप के जरिए खाना पहुंचाया गया और वॉकी टॉकी के जरिए उनसे बात भी की गई. साथ ही इस बात की जानकारी भी मिली कि सुरंग के अंदर पानी, ऑक्सीजन और रोशनी पर्याप्त है.
3- इस बीच ऑगर मशीन से ड्रिलिंग हुई, लेकिन जब मशीन मजदूरों से सिर्फ 10 मीटर की दूरी पर थी, तभी उसमें खराबी आ गई और बचाव अभियान लगभग ठप हो गया है. इस मशीन के विकल्प के तौर पर सेना के जवान मैन्युअल ड्रिलिंग के लिए बुला लिए गए.
4- इसके बाद मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग की गई और सुरंग में 800 मिमी का पाइप डाला गया. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक वर्टिकल ड्रिलिंग का काम पूरा हो चुका है.
5- इसके अलावा मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रैट-होल माइनिंग मैथड का इस्तेमाल किया गया. इस मैथड के तहत टनल के अंदर मैन्युअल ड्रिलिंग की गई और मैन्युअल ड्रिलिंग के एक्सपर्ट को भी तैनात किया गया.
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