प्रचंड गर्मी के बीच दिल्ली पर मंडरा रहा पानी का संकट, देखें कैसे एक-एक बूंद के लिए तरस रहे लोग
राजधानी दिल्ली में तापमान 50 डिग्री के करीब पहुंच गया है, जिसके कारण वॉटर लेवल में गिरावट हुई है, लोग पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं
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View In Appदिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना का कहना है कि AAP सरकार ने वॉटर मेनैजमेंट पर ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण दिल्ली के लोग आज इस समस्या से जूझ रहें हैं.
वीके सक्सेना के अनुसार, दिल्ली के बुजुर्ग, बच्चे, महिलाएं एक-एक बाल्टी पानी के लिए टैंकर के पीछे भागते हैं, जिससे जान को खतरा भी हो सकता है. उन्होंने कहा सरकार का 24 घंटे पानी उपलब्ध कराने का वादा झूठा साबित हो रहा है
वीके सक्सेना के मुताबिक, दिल्ली में भले ही पिछले सालों में करोड़ों रुपये खर्च हुए हैं, लेकिन यहां की वॉटर पाइपलाइंस को न तो बदला गया न ही उनकी मरम्मत की गई है. इस वजह से 40 फीसदी पानी बर्बाद हो रहा है. इसके अलावा पानी के टैंकर को टैंकर माफिया द्वारा लूट रहे हैं.
जल मंत्री अतीशी के मुताबिक, वजीराबाद में वॉटर लेवल 674.50 फीट पहुंच गया है, जो कुछ समय पहले 670.3 फीट पर था. वॉटर लेवल में इतनी गिरावट आना बहुत बड़ी समस्या है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबिक, तापमान बढ़ता जा रहा है साथ ही पानी की डिमांड भी बढ़ रही है. ऐसे में पड़ोसी राज्यों से मिलने वाले पानी की सप्लाई में कमी आई है.
दिल्ली में पानी की सप्लाई के लिए मंत्रालय द्वारा टैंकर भेजे जा रहे हैं. इसके अलावा बहुत सी गाइडलाइंन जारी की गई हैं ताकि पानी की बर्बादी न हो.
अतीशी के अनुसार, जिन लोगों को अपने क्षेत्र में पानी के टैंकर की आवश्यकता है, वे 1916 पर कॉल करके पानी का टैंकर मंगवा सकते हैंं.
इससे पहले मार्च-अप्रैल महीने में बेंगलुरू में भी लोग वॉटर क्राइसेस की समस्या से जूझ रहे थे. बेंगलुरू को दो मुख्य सोर्स से पानी मिलता है, पहला अंडरग्राउंड वॉटर और दूसरा कावेरी नदी, लेकिन पिछले कुछ समय में वनों की कटाई और क्लाइमेट चेंज की वजह से कावेरी बेसिन में पानी की कमी हो गई है. इसकी वजह बारिश न होना है.
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