IN PICS: सीएम ममता बनर्जी ने व्हीलचेयर पर बैठकर किया रोड शो, कहा- घायल बाघ होता है ज्यादा खतरनाक
ममता 10 मार्च को नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद प्रचार करने के दौरान नंदीग्राम में चोटिल हो गई थीं. उनके बाएं पैर, सिर और छाती में चोट लगी थी. तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया था कि यह उनकी जान लेने का बीजेपी का षड्यंत्र था. हालांकि, चुनाव आयोग ने इससे इनकार किया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस नेता पर कोई हमला हुआ था. चुनाव आयोग ने यह बात आयोग के दो विशेष चुनाव पर्यवेक्षकों और राज्य सरकार द्वारा भेजी गई रिपोर्टों की समीक्षा के बाद कही. आयोग ने कहा कि बनर्जी को चोट उनके सुरक्षा प्रभारी की चूक के कारण लगी.
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View In Appघंटे भर के रोडशो के बाद सभा को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि उन्हें चुनाव प्रचार करने से रोकने के प्रयास विफल हो गए हैं. उन्होंने कहा कि वह व्हीलचेयर के सहारे राज्य भर में टीएमसी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगी. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने जीवन में बहुत सारे हमलों का सामना किया है, लेकिन मैंने कभी किसी के सामने आत्मसमर्पण नहीं किया है. मैं अपना सिर कभी नहीं झुकाऊंगी. एक घायल बाघ कहीं अधिक खतरनाक हो जाता है.’’
नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान घायल होने के करीब चार दिन बाद रविवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सड़क पर उतर कर संघर्ष करने की अपनी छवि के अनुरूप व्हीलचेयर पर बैठकर तृणमूल कांग्रेस के एक रोड शो का नेतृत्व किया. उन्होंने प्रतिद्वंद्वी दलों को आगाह करते हुए ऐलान किया कि एक घायल बाघ कहीं अधिक खतरनाक होता है.
ममता ने कहा, 'डॉक्टरों ने मुझे आज चुनाव प्रचार करने के लिए बाहर नहीं जाने की सलाह दी थी. लेकिन मुझे लगा कि मुझे आज की रैली में शामिल होना चाहिए, क्योंकि मेरी चोट के कारण हम पहले ही कुछ दिन गंवा चुके हैं.' उन्होंने कहा, ‘‘मेरा दर्द लोगों की पीड़ा से अधिक नहीं है, क्योंकि तानाशाही के पैरों तले लोकतंत्र को कुचला जा रहा है. यदि मैं घर में इतने लंबे समय तक बैठ गई तो इससे षडयंत्रकारियों का एजेंडा पूरा हो जाएगा. वे अपने मकसद में सफल हो जाएंगे.’’
ममता ने कहा कि कोलकाता रैली के समापन स्थल के रूप में उन्होंने हाजरा को इसलिए चुना कि उनके राजनीतिक करियर के दौरान इस स्थान पर उन पर कई बार हमले हुए थे. ममता ने कहा कि वह रविवार शाम में दुर्गापुर के लिए रवाना होंगी और सोमवार को दो रैलियों को संबोधित करेंगी.
टीएमसी 14 मार्च को ‘नंदीग्राम दिवस’ के तौर पर मनाती है. पार्टी 2007 में जमीन अधिग्रहण के विरोध में हुए आंदोलन के दौरान पुलिस की गोलीबारी में मारे गए 14 ग्रामीणों की याद में यह दिवस मनाती है. ममता, नंदीग्राम सीट पर पहली बार चुनाव लड़ रही हैं, जिसपर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. उनका मुकाबला उनके पूर्व विश्वासपात्र सुभेंदु अधिकारी के साथ है, जो अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं.
ममता के साथ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता भी थे. ममता हाथ जोड़कर लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रही थीं, जबकि सुरक्षाकर्मी उनकी व्हीलचेयर को पकड़ कर आगे बढ़ा रहे थे. ममता ‘नंदीग्राम’ दिवस के मौके पर मेयो रोड से हाजरा मोड़ तक पांच किलोमीटर लंबे रोड शो में शामिल हुईं.
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