Ramnami Tribals: राम से रिश्ता रखने वाले मुखिया जी से हुई राजा भैया की मुलाकात, जानिए क्या है इनके समुदाय की खास बात
राजा भैया ने दर्शन के बाद मुखिया के साथ न सिर्फ फोटो खिंचाया बल्कि उसे माइक्रो ब्लॉगिंग मंच एक्स (पूर्व में टि्वटर) अकाउंट पर शेयर भी किया था.
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View In Appयूपी के पॉलिटीशियन की ओर से रामनामी समुदाय के मुखिया की तस्वीर शेयर करने के बाद लोगों के मन में सवाल उठा कि ये कौन हैं. आइए, जानते हैं:
रामनामी समुदाय के लोग मूल रूप से छत्तीसगढ़ से नाता रखते हैं और ये लोग पूरे शरीर पर राम नाम गुदवाते (देसी भाषा में एक किस्म का पारंपरिक टैटू) हैं.
राजा भैया ने सोशल मीडिया पोस्ट में मुखिया के हवाले से बताया था कि राम मंदिर बनने के उत्साह में समुदाय के 50 युवकों ने शरीर पर राम नाम गुदवाया था.
समुदाय के लोग शरीर पर राम नाम गुदवाते हैं, जबकि बदन पर रामनामी चादर, सिर पर मोरपंख की पगड़ी और घुंघरू आदि धारण करते हैं. ये इनकी पहचान हैं.
रामनामी संप्रदाय में 5 अहम प्रतीक हैं- भजन खांब या जैतखांब, शरीर पर राम-राम गुदवाना, सफेद कपड़ा ओढ़ना (जिस पर काले रंग से राम-राम लिखा हो), घुंघरू बजाते हुए भजन करना और मोरपंखों से बना मुकट पहनना.
यह कम्युनिटी कितनी पुरानी है? इसका तो कोई प्रमाणिक इतिहास नहीं है पर इतिहासकार मानते हैं कि समुदाय के लोग 1870 के आसपास पहचान में आए थे.
ऐसा कहा जाता है कि तब अछूत कह कर मंदिर में प्रवेश से मना करने पर परशुराम नामक युवा ने माथे पर राम-राम गुदवा कर रामनामी संप्रदाय शुरू किया था.
इन लोगों के घरों की दीवारों पर भी राम लिखा रहता है. ये अभिवादन में भी राम का नाम लेते हैं. हालांकि, ये निर्गुण रूप में भगवान राम की पूजा करते हैं.
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