1700 मजदूरों का वो किस्सा, जिसने झारखंड के होने वाले सीएम चंपई सोरेन को बना दिया झारखंड टाइगर?
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में बुधवार (31 जनवरी) की रात को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन का नाम मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तावित किया गया. चंपई सोरेन को झारखंड टाइगर के नाम से भी जाना जाता है.
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View In Appचंपई सोरेन संथाल समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने झारखंड को अलग राज्य का दर्जा देने के लिए भी लंबी लड़ाईयां लड़ी थी. साल 1990 में उन्होंने टाटा स्टील के अस्थायी कर्मचारियों के लिए अनिश्चितकालीन गेट जाम आंदोलन किया था.
इसके बाद उन्होंने इस कंपनी में करीब 1700 मजदूरों की स्थायी तौर पर नियुक्ति करवाई थी. चंपई सोरेन को आंदोलनकारी नेता के रूप में जाना जाता है.
इस आंदोलन के बाद पूरे क्षेत्र के लोग यह मानने लगा कि चंपई सोरेन जिस आंदोलन की अगुआई करेंगे, उसमें जीत मिलेगी. साल 1991 में उन्होंने निर्दलीय चुनाव जीता और उसके बाद जेएमएम पार्टी में शामिल हो गए.
चंपई सोरेन झारखंड सरकार में तीन बार मंत्री रह चुके हैं. साल 2005 के बाद से वे लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं. कोरोना महामारी के दौरान फरियाद करने आए लोगों की मदद करने को लेकर चंपई सोरेन चर्चा में बने रहे थे.
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