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IAS Manish Kumar Verma: क्या सचमुच नीतीश के बाद ये शख्स संभालेंगे JDU की कमान, कौन हैं बिहार सीएम के करीबी मनीष कुमार वर्मा जिनकी हो रही चर्चा

IAS Manish Kumar Verma: जाने-माने आईएएस अधिकारी मनीष कुमार वर्मा आज (9 जुलाई) सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ज्वाइन करने वाले हैं. कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार ने अपना उत्तराधिकारी भी चुन लिया है.

IAS Manish Kumar Verma: जाने-माने आईएएस अधिकारी मनीष कुमार वर्मा आज (9 जुलाई) सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ज्वाइन करने वाले हैं. कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार ने अपना उत्तराधिकारी भी चुन लिया है.

आईएएस मनीष कुमार वर्मा जेडीयू में शामिल

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खबर है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना उत्तराधिकारी चुन लिया है. सियासी से गलियारों में भी इसको लेकर चर्चा हो रही है. जाने-माने आईएएस अधिकारी मनीष कुमार वर्मा आज (9 जुलाई) सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ज्वाइन करने वाले हैं.
खबर है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना उत्तराधिकारी चुन लिया है. सियासी से गलियारों में भी इसको लेकर चर्चा हो रही है. जाने-माने आईएएस अधिकारी मनीष कुमार वर्मा आज (9 जुलाई) सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ज्वाइन करने वाले हैं.
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मनीष कुमार वर्मा, 2014 में पटना के जिलाधिकारी के पद पर रह चुके हैं. पूर्णिया में उन्होंने डीएम के रूप में भी काम किया. मनीष कुमार वर्मा का जन्म 1974 में नालंदा में हुआ था. नीतीश कुमार की जाति से आते हैं. उनके काफी करीबी भी बताए जाते हैं.
मनीष कुमार वर्मा, 2014 में पटना के जिलाधिकारी के पद पर रह चुके हैं. पूर्णिया में उन्होंने डीएम के रूप में भी काम किया. मनीष कुमार वर्मा का जन्म 1974 में नालंदा में हुआ था. नीतीश कुमार की जाति से आते हैं. उनके काफी करीबी भी बताए जाते हैं.
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उनके कार्यकाल की बात करें तो साल 2000 में वह उड़ीसा कैडर के आईएएस अधिकारी बने थे और कालाहांडी में सब कलेक्टर बनाए गए थे. इसके बाद गुनपुर, रायगढ़ में एसडीएम के पद पर तैनात रहे. नौकरी शुरू होने के 5 साल बाद उन्हें पहली बार मलकानगिरी जिले का डीएम बनाया गया. मनीष कुमार वर्मा ने 2012 तक उड़ीसा के कई जिलों में डीएम के पद पर कार्य किया और 2012 के बाद उन्होंने उड़ीसा छोड़ इंटरस्टेट डेपुटेशन में 5 साल के लिए बिहार आ गए.
उनके कार्यकाल की बात करें तो साल 2000 में वह उड़ीसा कैडर के आईएएस अधिकारी बने थे और कालाहांडी में सब कलेक्टर बनाए गए थे. इसके बाद गुनपुर, रायगढ़ में एसडीएम के पद पर तैनात रहे. नौकरी शुरू होने के 5 साल बाद उन्हें पहली बार मलकानगिरी जिले का डीएम बनाया गया. मनीष कुमार वर्मा ने 2012 तक उड़ीसा के कई जिलों में डीएम के पद पर कार्य किया और 2012 के बाद उन्होंने उड़ीसा छोड़ इंटरस्टेट डेपुटेशन में 5 साल के लिए बिहार आ गए.
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बिहार में कदम रखते ही नीतीश कुमार ने उनको बड़ी जिम्मेदारी दी. पटना और पूर्णिया का जिलाधिकारी बनाया. इतना ही नहीं बिहार में 5 साल रहने के दौरान उन्हें सीएम के सचिव के रूप में भी काम करने का मौका दिया गया. उसके बाद 5 साल पूरे हुए और 2018 मार्च में भारत सरकार की ओर से उन्हें दोबारा उड़ीसा भेज दिया गया, लेकिन उन्होंने जाने से इनकार कर दिया और वर्ष लेकर अपनी नौकरी छोड़ दी.
बिहार में कदम रखते ही नीतीश कुमार ने उनको बड़ी जिम्मेदारी दी. पटना और पूर्णिया का जिलाधिकारी बनाया. इतना ही नहीं बिहार में 5 साल रहने के दौरान उन्हें सीएम के सचिव के रूप में भी काम करने का मौका दिया गया. उसके बाद 5 साल पूरे हुए और 2018 मार्च में भारत सरकार की ओर से उन्हें दोबारा उड़ीसा भेज दिया गया, लेकिन उन्होंने जाने से इनकार कर दिया और वर्ष लेकर अपनी नौकरी छोड़ दी.
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इसके बाद नीतीश कुमार ने उनको, 2018 में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का सदस्य बना दिया. फिर 2022 में नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक में अतिरिक्त परामर्श पद उन्हें सौंपा. 2024 के लोकसभा चुनाव में मनीष कुमार वर्मा चुनाव प्रचार भी करते देखे गए थे. फाइनली पार्टी ज्वाइन करने के बाद अब वह खुलकर जदयू का मजबूती से प्रचार करेंगे, लेकिन इन सब के बीच सवाल यह है कि क्या मनीष कुमार वर्मा को नीतीश कुमार अपना उत्तराधिकारी बनाएंगे?
इसके बाद नीतीश कुमार ने उनको, 2018 में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का सदस्य बना दिया. फिर 2022 में नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक में अतिरिक्त परामर्श पद उन्हें सौंपा. 2024 के लोकसभा चुनाव में मनीष कुमार वर्मा चुनाव प्रचार भी करते देखे गए थे. फाइनली पार्टी ज्वाइन करने के बाद अब वह खुलकर जदयू का मजबूती से प्रचार करेंगे, लेकिन इन सब के बीच सवाल यह है कि क्या मनीष कुमार वर्मा को नीतीश कुमार अपना उत्तराधिकारी बनाएंगे?

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