Who is Satyapal Malik: जाटों के हीरो बनकर उभरना चाहते थे सत्यपाल मलिक: 4 सूबों के रह चुके हैं राज्यपाल, पुलवामा से जोड़ PM पर दिया था यह बयान
सीबीआई ने किरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के मामले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के घर समेत 30 जगहों पर छापेमारी की. सत्यपाल मलिक मूल रूप से बागपत स्थित सिंघावली अहीर थाना क्षेत्र के हिसावदा गांव के रहने वाले हैं.
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View In Appसीबीआई ने 2,200 करोड़ रुपये के किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के सिविल कार्यों को आवंटित करने में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित मामले में छापेमारी की है. सत्यपाल मलिक ने दावा किया था कि उन्हें प्रोजेक्ट से जुड़ी दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया था कि सत्यपाल मलिक पश्चिमी यूपी में जाट समुदाय के हीरो बनना चाहते थे. लेकिन पार्टी ने ऐसा होने से पहले ही उन्हें गवर्नर बनाकर रास्ते से हटा लिया. वह लंबे समय तक बीजेपी से जुड़े हुए थे. राज्यपाल बनते ही राजनीतिक गलियारों से उनकी दूरी कम हो गई.
पूर्व राज्यपाल मलिक ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए उन्हें एक बार घमंडी इंसान बता दिया था. उन्होंने कहा था कि मैं अपने जेब में इस्तीफा रखकर प्रधानमंत्री से मिलने गया, लेकिन पांच मिनट में मेरा उनसे झगड़ा हो गया. मैंने उनसे किसानों से बात करने के लिए कहा था. इस पर उन्होंने कहा था कि किसानों को पड़े रहने दो, वो खुद चले जाएंगे.
सत्यपाल मलिक ने पुलवामा हमले के लिए पीएम मोदी की सरकार को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा था कि 2019 में हुआ हमला सीआरपीएफ और गृह मंत्रालय की लापरवाही की वजह से हुआ. उन्होंने कहा था कि सरकार से सीआरपीएफ ने विमान मांगे थे, लेकिन उसने देने से इनकार कर दिया. इसका फायदा उठाकर आतंकियों ने हमला किया.
पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए सत्यपाल मलिक ने एक इंटरव्यू में कहा था कि प्रधानमंत्री ने पुलवामा के शहीदों का राजनीतिकरण किया. उन्होंने कहा था कि पीएम ने लोकसभा चुनाव के दौरान 40 सीआरपीएफ जवानों की हत्या और बालाकोट में भारतीय वायुसेना के हमले का राजनीतिकरण किया था. वोटर्स से बालाकोट एयरस्ट्राइक के नाम पर वोट मांगे गए.
सत्यपाल मलिक आखिरी बार महिला पहलवानों के प्रदर्शन के दौरान चर्चा में आए थे. वह पिछले साल अप्रैल में दिल्ली में जंतर-मंतर पर चल रहे महिला पहलवानों के प्रदर्शन में पहुंचे थे. उन्होंने पहलवानों का समर्थन करते हुए कहा था कि जिस तरह कृषि कानूनों को वापस लिया गया है, वैसे ही कुश्ती में भ्रष्टाचार खत्म करवाने में भी आपको सफलता मिलेगी.
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