सच्चाई का सेंसेक्स: आगरा में इंसान को जानवर समझने वाले कोरोना सेंटर का सच
सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस का इलाज कर रहे अस्पतालों का एक और वीडियो वायरल हो रहा है. वादा किया जा रहा है कि अस्पताल में ना ही सामाजिक दूरी का ध्यान रखा जा रहा है और ना साफ सफाई की जा रही है. सोशल मीडिया पर अस्पताल में कूड़े के ढेर का ये वीडियो वायरल है. वीडियो में अस्पताल की गैलरी में कूड़ा पड़ा दिख रहा है. फर्श पर पानी पड़ा है. दावा किया जा रहा है कि एक कमरे में 5 से 7 लोग हैं. जिसकी पड़ताल की गई, और पड़ताल में पता चला कि मेरठ के सैफई पीजीआई में 69 कोरोना मरीजों को इलाज के लिए शिफ्ट किया गया है. कोरोना पीड़ित मरीज ने ही ये वीडियो बनाकर वायरल किया है. इटावा के मुख्य विकास अधिकारी राजा गणपति से सवाल करने पर पता चला कि जो वायरल वीडियो हुआ है उसके बारे में जांच और व्यवस्था देखने के लिए सैफई यूनिवर्सिटी गए. वहां उन्हें कामियां मिली है. अब उन्हें ठीक करने के आदेश दे दिए गए है. इटावा के मुख्य विकास अधिकारी के बयान के आधार पर हमारी पड़ताल में वायरल वीडियो में इटावा के सैफई पीजीआई अस्पताल में इंतजाम बेहतर न होने का दावा सच साबित हुआ.
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View In Appसोशल मीडिया पर नासा के हवाले से एक बड़ा झूठ फैलाया जा रहा है. झूठे मैसेज में दावा है कि 29 अप्रैल को दुनिया खत्म हो जाएगी, समर्थन में कुछ फोटो और वीडियो भी फैलाए जा रहे हैं. इस तरह के झूठे वायरल मैसेज की सच्चाई जानना आपके लिए बेहद जरूरी है. अमेरिकी अंतरिक्ष रिसर्च संस्था नासा ने खुद इस अफवाह का खंडन 4 मार्च को ही कर दिया था.1998 OR2 नाम का यह एस्टेरायड संभावित रूप से खतरनाक हो सकता है क्योंकि ये विशाल आकार का है. लेकिन इससे पृथ्वी पूरी तरह से सुरक्षित रहेगी. इस लिए नासा के हवाले से 29 अप्रैल को दुनिया के अंत का ऐलान करने वाले दावे झूठे हैं.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है. इस वीडियो में कोरोना वायरस लड़ाई में सरकारी इंतजामों पर सवाल उठा रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि एक क्वॉरंटीन सेंटर में मरीजों के इलाज में लापरवाही हो रही हैं. मरीजों के खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं है. उन्हें सिर्फ मरने के लिए छोड़ दिया गया है. वीडियो में एक लड़की दावा करती है कि उन्हें कहा गया था कि सभी मरीज़ों को आगरा के एसएन मेडिकल ले जाकर चेकअप किया जाएगा. लेकिन उनकी कोई जांच नहीं की गई है और ना ही उन्हें खाना-पीना ढंग से दिया जा रहा है. उनका कहना है कि प्रशासन, डॉक्टर्स सब लापरवाही कर रहें है और उनके साथ जानवरों की तरह बरताव कर रहे है. वायरल वीडियो के साथ किए जा रहे दावे की पड़ताल में पता चला कि मामले की शिकायत आगरा के जिलाधिकारी के पास पहुंची थी, जिसके बाद जांच हुई. सभी व्यवस्थाओं को ठीक करने का आदेश दिया गया. आगरा के डीएम से बात करने के बाद पड़ताल में क्वॉरंटीन सेंटर के बारे में डॉक्टर्स और प्रशासन की तरफ से की जा रही लापरवाही का दावा सच साबित हुआ.
सोशल मीडिया पर कोरोना से जुड़ा हुआ एक और वीडियो काफी वायरल हो रहा है. वीडियो में अस्पताल की बदइंतजामी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि एक महिला कैंसर पीड़ित महिला कोरोना पॉजिटव पाई गई. उसे बेहतर इलाज के लिए मेरठ मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया. लेकिन अस्पताल में ठीक से इलाज और सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. दरअसल इस वीडियो में एक पिता और दो बच्चों के हाथ जोड़कर रो रहे है. दो बेटों के साथ पिता प्रशासन से गुहार लगा रहें हैं. वो कहते है कि विनती करता हूं सर, प्लीज, प्लीज. हम लोग लोनी के रहने वाले हैं, मेरी पत्नी को मेरठ में सरदार वल्लभ भाई मेडिकल कॉलेज में थर्ड फ्लोर पर शिफ्ट किया है. वहां कोई सुविधा नहीं है, सुबह से उसे अब तक कुछ खाने को नहीं मिला है. सरकार से गुजारिश है, थोड़ा अलर्ट रहो सर प्लीज. दिखा कुछ रहे हैं, कर कुछ रहे हैं. इस वीडियो की पड़ताल में पता चला कि मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आसरी गुप्ता के मुताबिक उनके पास गाजियाबाद के लोनी से पेशेंट तो रेफर किया गया. लेकिन इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं थी. इसलिए मरीज को कुछ समस्याएं जरूर आईं. लिहाजा मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आरसी गुप्ता के बयान के आधार पर वायरल वीडियो में मेरठ के मेडिकल कॉलेज में किया गया बदइंतजामी का दावा सच साबित हुआ.
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