हर साल 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को बाल श्रम के प्रति जागरुक करना है. यहां जानें इस दिन का इतिहास और भारत में क्या है बाल श्रम की स्थिति.
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यूनिसेफ के मुताबिक, दुनियाभर के कुल बाल मजदूरों में 12 फीसदी की हिस्सेदारी अकेले भारत की है.
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साल 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 5 से 14 साल के 25.96 करोड़ बच्चों में से 1.01 करोड़ बाल श्रम कर रहे हैं.
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संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, 5 से 14 साल तक के बच्चों को किसी भी काम के माध्यम से बंदी बनाना या उन्हें हानि पहुंचाना अंतरराष्ट्रीय कानून और राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन माना जाता है.
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अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाल श्रम को रोकने की मांग उठाई थी. इसके बाद 2002 में सर्वसम्मति से एक कानून पास किया गया. इसी साल 12 जून को पहली बार बाल श्रम निषेध दिवस मनाया गया.