Hottest Year 2023: भट्टी में बदल रही धरती! एक लाख 20 हजार सालों में 2023 सबसे गर्म! वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी
दुनिया भर में कार्बन उत्सर्जन की वजह से बढ़ रहे धरती के तापमान के कारण मानव सभ्यता पर खतरा कोई नई बात नहीं है. इस बीच बीता हुआ वर्ष 2023 एक महत्वपूर्ण संकेत दे गया है. पता चला है कि पिछले एक लाख सालों में साल 2023 सबसे गर्म वर्ष रहा है. यूरोपीय जलवायु एजेंसी ने मंगलवार (9 जनवरी) को कहा कि पृथ्वी ने पिछले साल वैश्विक वार्षिक गर्मी के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए.
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View In Appधरती के तापमान की गणना करने वाली विज्ञान एजेंसियों की कई टीमों में से एक में, यूरोपीय जलवायु एजेंसी कोपरनिकस ने कहा कि पिछले साल तापमान 1.48 डिग्री सेल्सियस (2.66 डिग्री फ़ारेनहाइट) अधिक था. यह उस 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा से थोड़ा ही नीचे है जिसके भीतर दुनिया को 2015 के पेरिस जलवायु समझौते में वार्मिंग के सबसे गंभीर प्रभावों से बचने की उम्मीद थी.
न्यूज एजेंसी रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक कई वैज्ञानिकों का कहना है कि पेड़ों के छल्लों और बर्फ के टुकड़ों से मिले साक्ष्यों से पता चलता है कि यह पृथ्वी एक लाख से अधिक वर्षों में सबसे गर्म है. वुडवेल क्लाइमेट रिसर्च सेंटर की जलवायु वैज्ञानिक जेनिफर फ्रांसिस ने कहा, लगभग 125,000 वर्षों में 2023 पृथ्वी पर संभवतः सबसे गर्म वर्ष था. मनुष्य उससे पहले भी मौजूद थे, लेकिन 'सभ्य' की परिभाषा के आधार पर यह कहना निश्चित रूप से उचित होगा कि मनुष्य के सभ्य होने के बाद से यह सबसे गर्म रहा है.
कॉपरनिकस की उप निदेशक सामंथा बर्गेस ने कहा कि साल के पहले महीने, जनवरी 2024 में भी गर्मी बढ़ी है जिससे इस साल तापमान 1.5 डिग्री की सीमा को पार कर जाएगा. बर्गेस ने कहा, कि बढ़ते तापमान से जीवन खतरे में है और हमें इसके लिए कोई ना कोई विकल्प चुनना होगा और ये विकल्प आप पर और मुझ पर प्रभाव नहीं डालेंगे बल्कि ये हमारे बच्चों और पोते-पोतियों पर प्रभाव डालेंगे.
पिछले साल रिकॉर्ड गर्मी ने यूरोप, उत्तरी अमेरिका, चीन और कई अन्य स्थानों पर जीवन को दयनीय और घातक बना दिया था, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि अधिक जलवायु संबंधी घटनाओं के लिए गर्म होती जलवायु भी जिम्मेदार है. जैसे लंबा सूखा जिसने हॉर्न ऑफ अफ्रीका को तबाह कर दिया, मूसलाधार बारिश जिसने बांधों को नष्ट कर दिया और लीबिया में हजारों लोगों की जान ले ली और कनाडा में जंगल की आग ने उत्तरी अमेरिका की हवा को खराब कर दिया.
पहली बार, दिसंबर में वार्षिक संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता के लिए कई देशों की बैठक हुई जिसमें इस बात पर सहमति बनी थी कि दुनिया को जलवायु परिवर्तन का कारण बनने वाले जीवाश्म ईंधन से दूर जाने की जरूरत है, लेकिन बैठक में देशों ने ऐसा करने के लिए कोई ठोस आवश्यकता निर्धारित नहीं किया है.
कॉपरनिकस ने गणना की जिसमें कहा गया कि 2023 के लिए वैश्विक औसत तापमान 2016 में स्थापित पुराने रिकॉर्ड की तुलना में एक डिग्री सेल्सियस (0.3 डिग्री फ़ारेनहाइट) का लगभग छठा हिस्सा अधिक था. कॉपरनिकस की गणना के अनुसार, 2023 के लिए पृथ्वी का औसत तापमान 14.98 डिग्री सेल्सियस (58.96 डिग्री फ़ारेनहाइट) था. यह सात महीनों का रिकॉर्ड तोड़ने वाला था.
बर्गेस ने कहा, ऐसे कई कारक हैं जिन्होंने 2023 को रिकॉर्ड सबसे गर्म वर्ष बना दिया है, लेकिन अब तक का सबसे बड़ा कारक वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों की लगातार बढ़ती मात्रा थी जो गर्मी को रोकती है. वे गैसें कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस के जलने से आती हैं. अन्य कारकों में प्राकृतिक अल नीनो भी शामिल है. अल नीनो मध्य प्रशांत का एक अस्थायी वार्मिंग जो दुनिया भर में मौसम को बदलता है. बर्गेस ने कहा कि यह अत्यधिक संभावना है कि साल 2024 साल 2023 से भी अधिक गर्म होगा.
जापानी मौसम विज्ञान एजेंसी, जो कॉपरनिकस जैसी ही तकनीकों का उपयोग करती है और साल 1948 तक की गणना बताती है, जिसने पिछले महीने के अंत में अनुमान लगाया था कि यह पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 1.47 डिग्री सेल्सियस (2.64 डिग्री फ़ारेनहाइट) से भी सबसे गर्म वर्ष था. अलबामा विश्वविद्यालय हंट्सविले वैश्विक डेटासेट, जो 1979 के जमीनी डेटा और तारीखों के बजाय उपग्रह माप का उपयोग करते हैं, ने भी पिछले सप्ताह इसे रिकॉर्ड पर सबसे गर्म वर्ष होने की पुष्टि की है.
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