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'पानी सिर के ऊपर जाने लगा...', NCERT की किताबों में तोड़-मरोड़ पर बोले योगेंद्र यादव, बताई अंदर की बात
Yogendra Yadav: दरअसल, योगेंद्र यादव ने हाल ही में एनसीईआरटी के खिलाफ मुकदमा कराने की धमकी दी थी. उन्होंने इसी बारे में और स्कूल्स बुक्स की राजनीति के मुद्दे पर प्रोफेसर अपूर्वानंद से खुलकर बात की है.

राजनीतिक कार्यकर्ता और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबों के एक तरह से चीफ एडिटर रहे योगेंद्र यादव ने बताया है कि कैसे एनसीईआरटी की किताबों के साथ खिलवाड़ किया गया है. उन्होंने इसके साथ यह भी साफ किया कि इसी वजह से उन्होंने एनसीईआरटी की बुक्स से खुद का नाम हटाने के लिए गुजारिश की थी. आइए, जानते हैं कि उन्होंने इस बारे में क्या कुछ कहा:
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योगेंद्र यादव बोले कि विवाद एनसीईआरटी की छह पुस्तकों (एक कक्षा नौवीं की, एक कक्षा 10वीं की, दो कक्षा 11वीं और दो कक्षा 12वीं की) से जुड़ा है.
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राजनीतिक कार्यकर्ता ने कहा कि तीन साल में मेहनत से बनीं किताबों पर विवाद हुए. ये पहले भी हुए पर 2014 के बाद जो हुए उन्हें बदलाव कहना गलत होगा.
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सेफोलॉजिस्ट रह चुके योगेंद्र यादव ने 'दि वायर' को बताया कि साल 2014 के बाद से एनसीईआरटी की किताबों में कांट-छांट की शुरुआत हुई थी.
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पॉलिटिकल एक्टिविस्ट के मुताबिक, एनसीईआरटी की बुक्स में आगे तोड़-मरोड़ की गई. पहले चैप्टर ड्रॉप किए, फिर सेंटेंस सफाई से निकाले गए.
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योगेंद्र यादव ने आगे कहा कि इसी क्रम में किताबों से कुछ असहज सूचनाएं दबाई गईं और अब उनमें ऊटपटांग चीजें जोड़ना शुरू कर दिया गया है.
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स्वराज इंडिया से जुड़े योगेंद्र यादव बातचीत के दौरान बोले, "कुल मिलाकर हमें लगा कि किताबों की आत्मा की इस तरह (फेरबदल करने) से हत्या की गई."
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हालांकि, भारत जोड़ो अभियान से नाता रखने वाले शिक्षाविद् का मानना है कि एनसीईआरटी जैसे लोग बैठे हैं, उनसे झगड़ना भी बड़ा विचित्र होगा.
Published at : 07 Jul 2024 09:16 AM (IST)
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