UP Politicians Who Are Enemies: एक-दूसरे पर जानलेवा हमले का लगा चुके हैं आरोप, यूपी में मशहूर है इन नेताओं की दुश्मनी
मुख्तार अंसारी और बृजेश सिंह, ये दोनों नाम जेल में रहते हुए विधानसभा और विधान परिषद के सदस्य चुने गए. इन दोनों की अदावत दशकों पुरानी है. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक दोनों एक दूसरे के ऊपर कई जानलेवा हमले करवा चुके हैं. यूपी में पूर्वांचल के ये दोनों बाहुबली आज जेल में हैं.
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View In Appधनंजय सिंह और अभय सिंह कभी बहुत अच्छे दोस्त हुआ करते थे. दोनों लखनऊ विश्वविद्यालय में साथ ही पढ़ते थे. अभय धनंजय सिंह के सीनियर थे. आगे चलकर ये दोनों दोस्त दुश्मन बन गए. साल 2002 में वाराणसी में धनंजय सिंह पर एके 47 से हमला हुआ था. धनंजय ने अभय सिंह पर ही इस हमले का आरोप लगाया था.
हरिशंकर तिवारी और वीरेंद्र प्रताप शाही दोनों ही गोरखपुर विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से निकल मुख्यधारा की राजनीति में आए थे. दोनों की दुश्मनी यूनिवर्सिटी के दिनों से ही चली आ रही थी. साल 1997 में माफिया डॉन श्री प्रकाश शुक्ला ने वीरेंद्र शाही का मर्डर कर दिया था. तब हरिशंकर तिवारी का नाम भी इस हत्याकांड में उछला था.
फूलपुर से लोकसभा सांसद रह चुके अतीक अहमद और विधायक रहीं पूजा पाल के बीच की दुश्मनी भी जगजाहिर है. अतीक अहमद पर पूजा पाल के पति राजू पाल की हत्या का आरोप लगा था. राजू पाल की हत्या तब हुई थी जब वह पहली बार विधायक बने थे. पति के निधन के बाद पूजा पाल को मायावती ने चुनाव में उतारा था.
गाजीपुर में मोहम्मदाबाद से बीजेपी विधायक अलका राय और मुख्तार अंसारी में भी दुश्मनी है. दरअसल अलका राय के पति कृष्णानंद राय की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इस हत्या में मुख्तार अंसारी नामजद हैं. मुख्तार के भाई को ही हराकर अलका 2017 में विधायक बनी हैं.
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