Raja Bhaiya से जेल में कुछ ऐसा मजाक किया करते थे अधिकारी, कहते- आप तो जान गए हैं हम कैसे करते हैं कमाई
रघुराज प्रताप सिंह जिन्हें लोग राजा भैया के नाम से जानते हैं, वह यूपी की राजनीति में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. 1993 से अब तक वह निर्दलीय ही चुनाव लड़े और किसी पार्टी का कोई भी प्रत्याशी ने उन्हें कुंडा विधानसभा सीट पर हरा नहीं पाया.
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View In Appराजा भैया पहला चुनाव 1993 में लड़े थे और भारी मतों से जीते थे. उसके बाद जीत का सिलसिला लगातार 2017 तक बरकरार रहा. 2022 में भी वह कुंडा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. इस बार वह अपनी बनाई पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.
राजा भैया को अपने राजनीतिक करियर में कुछ समय जेल के अंदर भी बिताना पड़ा है. साल 2003-2004 में वह करीब साल भर तक यूपी की अलग-अलग जेलों में रहे. उन पर पोटा भी लगा था.
राजा भैया ने एक इंटरव्यू में बताया था कि, 'जेल में पुलिस वाले भी उनसे हंसी मजाक किया करते थे. वहां कई अधिकारी हमसे कहते थे कि आप हमारी सारी कमियां जान चुके हैं. अगर गलती से आप जेल मंत्री बन गए तो आप सब समझ जाएंगे कि हम क्या करते हैं, कहां से पैसे कमाते हैं.'
कौन जानता था कि जेल के अधिकारियों की बात एक दिन सच साबित हो जाएगी. राजा भैया उत्तर प्रदेश के कारागार मंत्री भी बने.
साल 2012 में जब उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तब उन्होंने राजा भैया को कारागार मंत्री बनाया था.
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