तिरुपति लड्डू मामले पर भड़क गए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद, मोदी सरकार को भी नहीं बख्शा
तिरुपति लडडू का मामला लगातार बढ़ता ही जा रहा है. अब इस मुद्दे पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने भी बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने कहा कि इस मामले को गंभीरता से लेने की जरूरत है क्योंकि सरकार इस मामले में कुछ भी करने वाली नहीं है.
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View In Appउन्होंने कहा कि हम हिंदू हैं और हमारी एक ही पहचान है वो है पवित्रता. न जाने कब से इस पवित्रता को खंडित करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पहले के जमाने में कुएं में मांस डाल दिया जाता था और कहा जाता था कि अब आप पवित्र नहीं रहे और हिंदू धर्म छोड़कर दूसरे धर्म में आ जाना चाहिए. इस तरह की कोशिश पहले भी होती रही है, लेकिन यह मामला बहुत बड़ा है.
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि तिरुपति बालाजी से हजारों करोड़ों लोग जुड़े हुए हैं. उन सभी की आस्था को ठेस पहुंचाने का और पवित्रता को खंडित करने का काम किया गया है. यह कोई सामान्य नहीं बल्कि दुर्लभ मामला है और उस पर तत्काल जांच होनी चाहिए. जल्द से जल्द दोषी को सामने लाया जाए और उसे कठोर सजा हो.
उन्होंने कहा कि धर्माचार्य को अपना दायित्व संभाल कर वहां खड़े हो जाना चाहिए क्योंकि सरकार कुछ नहीं करेगी. वह कोई धार्मिक परंपराएं नहीं निभाएगी. सरकार धर्मनिरपेक्षता की शपथ ले चुके हैं. धार्मिक परिसर में व्यवस्था करने का उन्हें कोई नैतिक अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि यह हमारी मांग है कि पूरे देश के धर्माचार्य खड़े हो और जहां-जहां भी सरकार मंदिरों में आकर व्यवस्था करने लगी है वहां खड़ें हों.
शंकराचार्य ने कहा कि सरकार को गल्ले का पैसा गिनना है तो उन्हें गिनने दो. उन्हें कोई भौतिक व्यवस्था करनी है तो करने दो, लेकिन धार्मिक व्यवस्थाएं धर्माचार्य के नियंत्रण और उनकी देखरेख में ही होनी चाहिए. शंकराचार्य ने एक मंत्र भी बताया और कहा कि हमारे शास्त्रों में कोई भी पाप या दोष को नष्ट करने का उपाय लिखा है.
इतना ही नहीं शंकराचार्य ने यह तक कह दिया कि गौ मतदाता बनने का संकल्प लीजिए. की आने वाले समय में उन्हीं को वोट देंगे जो गौ माता की प्रतिष्ठा के लिए अपने आप को समर्पित कर चुका होगा. यह दो काम करने से गौ माता आपके पाप को हटा देगी.
शंकराचार्य ने कहा कि यह तो षड्यंत्र है, जो हिंदुओं की पवित्रता को खंडित करने के लिए किया जा रहा है. इसको सरकारें और अधिकारी बढ़ावा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि लाखों करोड़ रुपये मंदिर में दान दिया जाता है, इसके बावजूद भी भक्तों को यह दिन देखना पड़ा.
उन्होंने कहा कि आखिर तिरुपति बालाजी का ट्रस्ट खुद की गौशाला खोलकर क्यों घी नहीं बनता. उस घी से बालाजी का लड्डू बने और पूरे देश में विपरीत हो. सामर्थ्य होते हुए भी अगर आप वह काम नहीं करते हैं तो यह बड़ा दोष होता है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि तिरुपति के खजाने को गौ रक्षा के लिए खोलना पड़ेगा.
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