अशरफ गनी ने ली UAE में शरण, तालिबानी नेता से मिले हामिद करजई, जलालाबाद में प्रदर्शन | पढ़ें दिनभर की बड़ी बातें
Afghanistan News: अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद के खतरों को देखते हुए भारत समेत दुनिया के ज्यादातर देश अपने लोगों को काबुल से निकालने में जुटे हैं. देश में सबसे अधिक महिलाओं पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. इस बीच तालिबान ने सरकार बनाने की कवायद शुरू कर दी है. इसी सिलसिले में बुधवार को काबुल में बैठकें की. राष्ट्रपति अशरफ गनी पिछले दिनों काबुल पर तालिबान के कब्जे के बीच देश छोड़कर चले गए थे, उनके यूएई में शरण लेने की पुष्टि हुई है.
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View In Appवहीं काबुल के उत्तर में स्थित पंजशीर घाटी के वीडियो फुटेज में दिख रहा है कि वहां विपक्षी हस्तियों ने बैठक की. वह क्षेत्र नदर्न एलायंस लड़ाकों का गढ़ है जिसने 2001 में तालिबान के खिलाफ अमेरिका का साथ दिया था. यह एकमात्र प्रांत है जो अभी तक तालिबान के नियंत्रण से दूर है. वहां मौजूद लोगों में अपदस्थ सरकार के सदस्य भी शामिल थे. उनमें उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह भी थे जिन्होंने ट्विटर पर दावा किया कि वह देश के राष्ट्रपति हैं. यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है कि क्या उनकी योजना तालिबान को चुनौती देने की है.
तालिबान में सरकार गठन को लेकर बुधवार को तालिबान के एक धड़े के नेता अनस हक्कानी की काबुल में पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, हाई पीस काउंसिल के चेयरमैन डॉ अब्दुल्ला और पूर्व मुजाहिद्दीन नेता गुलबदीन हेकमतियार की मुलाकात हुई. अफगानिस्तान में मुल्ला अब्दुल गनी बिरादर राष्ट्रपति हो सकता है. बरादर तालिबान के राजनीतिक विंग का मुखिया है. बैठक के बाद करजई के प्रवक्ता ने बताया कि इससे अंतत: तालिबान के शीर्ष नेता अब्दुल गनी बरादर से बातचीत का आधार तैयार होगा.
अफगानिस्तान में बुधवार को तालिबान के खिलाफ आवाजें उठी लेकिन तालिबान ने इसे दबा दिया. पूर्वी शहर जलालाबाद में तालिबान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर तालिबान लड़ाकों की हिंसक कार्रवाई में तीन लोगों की मौत हो गई और छह अन्य लोग घायल हो गए. दर्जनों लोगों ने बुधवार को अफगानिस्तान के स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले राष्ट्रीय ध्वज फहराया और तालिबान का झंडा उतार दिया. इसके बाद तालिबान ने गोलियां चलाईं और लोगों के साथ मारपीट की.
अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर यूके, कनाडा, अमेरिका, नॉर्वे, स्विजरलैंड समेत 21 देशों ने संयुक्त बयान जारी किया है. बयान में कहा गया है कि हम अफगानी महिलाओं और लड़कियों, उनके शिक्षा, काम और आवाजाही की स्वतंत्रता के अधिकारों के बारे में बहुत चिंतित हैं. हम अफगानिस्तान में सत्ता में बैठे लोगों से उनकी सुरक्षा की गारंटी देने का आह्वान करते हैं.
तुर्की के रक्षा मंत्री हुलुसी अकर ने बुधवार को कहा कि पिछले दो दिनों में अफगानिस्तान से लोगों को बाहर निकालने के लिए काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से कम से कम 62 उड़ानें रवाना हुयी हैं.
भारत अपने नागरिकों को वापस लाने में जुटा है. मंगलवार को भारत दूतावास के सभी कर्मियों को वापस ले आया था. मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अन्य सभी की तरह भारत भी अफगानिस्तान की घटनाओं पर सावधानीपूर्वक नजर रखा रहा है. उन्होंने कहा कि भारत, अफगानिस्तान में अब भी मौजूद भारतीयों की सुरक्षा और उनकी सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.
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