Election Results 2024
(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
तालिबान की गोलियों और खौफ के साए में कल अफगानिस्तान का स्वतंत्रता दिवस | तस्वीरों में देखें बेबस मुल्क के हालात
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद इस वक्त वहां पर लोगों में काफी डर का माहौल है. लोग लगातार देश छोड़कर भाग रहे हैं.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appपूर्वी शहर जलालाबाद में बुधवार को विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर तालिबान की हिंसक कार्रवाई में कम से कम तीन व्यक्ति की मौत हो गई और छह अन्य लोग घायल हो गए. अफगानिस्तान के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने यह जानकारी दी.
दर्जनों लोगों ने बुधवार को अफगानिस्तान के स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले राष्ट्रीय ध्वज फहराया और तालिबान का झंडा उतार दिया. इसके बाद तालिबान ने गोलियां चलाईं और लोगों के साथ मारपीट की.
स्वास्थ्य अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर यह जानकारी दी, क्योंकि वह मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं हैं. तालिबान के डर से कई दिन तक घर के भीतर रही अफगानिस्तान की महिला अधिकारों की एक कार्यकर्ता ने मंगलवार को पहली बार इतने दिनों में बाहर कदम रखा. कार्यकता और उनकी बहन ने अपना सिर दुपट्टे से ढका हुआ था और वे बाजार में नजर आने वाली अकेली महिलाएं थीं जहां उन्हें कुछ शत्रुता से घूरती नजरों का सामना करना पड़ा.
देश के तीसरे सबसे बड़े शहर, हेरात में लड़कों के साथ-साथ लड़कियां भी उम्मीद से उलट स्कूल लौटने लगीं लेकिन तालिबान लड़ाकों ने स्कूल के दरवाजे पर ही उन्हें हिजाब और सिर ढंकने का रुमाल देना शुरू कर दिया था. राजधानी काबुल में, एक महिला समाचार एंकर ने टीवी स्टूडियो में तालिबान के एक अधिकारी का साक्षात्कार लिया जो ऐसा दृश्य था जिसकी एक वक्त में कभी कल्पना करना भी मुश्किल था.
तेजी से हमले कर देश पर कब्जा करने के कुछ दिनों बाद तालिबान ने ज्यादा उदार रुख दिखाने का प्रयास किया जिसके तहत उसने महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने और उन्हें सरकार में शामिल होने का आमंत्रण दिया है. तालिबान के आश्वासनों को लेकर संदेह से भरी कुछ अफगान महिलाएं उनके इन आश्वासनों को होशियार रहकर जांच रही हैं.
देश के अधिकतर हिस्सों में, बहुत सी महिलाएं घर पर ही रह रही हैं. वे एक नई दुनिया में प्रवेश करने से बहुत डरी हुई हैं, जहां चरमपंथी समूह जो कभी महिलाओं के साथ असामान्य व्यवहार करता था और उनकी हर गतिविधि को प्रतिबंधित करता था, अब सत्ता में है.
संगठन का संपर्क अभियान मैदान पर हो रही रिपोर्टिंग के उलट लग रहा है जिसमें पत्रकारों की तलाश में चरमपंथियों द्वारा घर-घर जाना, विपक्ष के लिए काम करने वाले लोग और अन्य लक्ष्य शामिल हैं.
जाहिर है, तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान के तरफ से आ रही ये तस्वीर लोगों में और खौफ पैदा कर रही है.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -