हसीना सरकार गिराने वाले छात्र नेताओं का बड़ा ऐलान, अवामी लीग के बाद अब खालिदा जिया के भी छूटे पसीने!
बांग्लादेश में अवामी लीग के बाद अब खालिदा जिया की पार्टी के लिए भी मुश्किलें खड़ी होती नजर आ रही है. 15 सालों से सत्ता पर काबिज शेख हसीना को सरकार से हटने वाले छात्र आंदोलन के नेता अब अपनी पार्टी बनाने की प्लानिंग में लगे हुए हैं.
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View In Appबांग्लादेश में प्रदर्शनकारी छात्रों की ओर से दो प्रमुख पार्टी की देश में जल्द चुनाव कराने की अपील को ठुकरा दिया गया है. रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार छात्र आंदोलन करने वालों नेताओं का उद्देश्य है कि 15 साल से जो स्थिति बांग्लादेश में बनी हुई थी वह दोबारा ना आए.
छात्र नेताओं का कहना है कि 17 करोड़ की आबादी वाले बांग्लादेश पर शेख हसीना ने कठोरता से शासन किया, इसलिए छात्र आंदोलन के नेता इन सुधारों के लिए अपनी एक नई पार्टी बनाने के बारे में सोच रहे हैं.
बांग्लादेश में जून के आखिर में शुरू हो गए छात्र आंदोलन ने विकराल रूप ले लिया था, जिसके बाद शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़कर जाना पड़ा था. छात्र नेताओं का आंदोलन हिंसा में तब्दील हो गया और इसमें 500 से ज्यादा लोग मारे गए.
शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद देश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार का गठन हुआ, जिसमें वरिष्ठ पदों पर दो छात्र नेताओं को रखा गया. छात्र आंदोलन के प्रमुख महफूज आलम ने अपने बयान में कहा कि वह पार्टी बनाने को लेकर 1 महीने बाद फैसला लेंगे इसके पहले वह आम मतदाताओं से सलाह करना चाहते हैं.
ढाका यूनिवर्सिटी में मौजूद महफूज आलम ने कहा कि वह बांग्लादेश की जनता अब दो पार्टियों से थक चुकी हैं और जनता को हम पर भरोसा है. शेख हसीना के खिलाफ आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले तहमीद चौधरी ने इस बात पर जोर दिया कि ज्यादातर संभावना है कि वह अपनी पार्टी बनाएंगे और यह पार्टी स्वतंत्रता और धर्मनिरपेक्षता पर आधारित होगी, जिसको लेकर वह काम कर रहे हैं.
मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार में शामिल छात्र आंदोलन के प्रमुख नेता 26 वर्षीय नाहिद इस्लाम का कहना है कि इस आंदोलन के पीछे वजह यह थी कि उन्हें नया बांग्लादेश बनाना था. जहां कोई फासीवादी या तानाशाह वापस मुड़कर भी ना देख सके इसके लिए कुछ संरचनात्मक सुधारों की जरूरत है, जिसमें कुछ समय लगेगा.
दूरसंचार विभाग का कार्यभार संभाल रहे इस इस्लाम ने कहा कि अंतरिम सरकार बीएनपी और अवामी लीग की ओर से जल्द से जल्द चुनाव कराए जाने की मांग पर कोई भी विचार अभी नहीं कर रही है.
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