Alien Technology: एलियन के सबूतों को मिटा रहा था अमेरिका? सबसे बड़े राज से उठा पर्दा, चौंकाने वाले दावे

फिल्म में ये भी दावा किया गया है कि जो देश सबसे पहले एलियन टेक्नोलॉजी को समझ लेगा वह आने वाले दशकों में विश्व की सबसे बड़ी शक्ति बन जाएगा. पूर्व खुफिया अधिकारी लुइस एलिजोंडो ने इस मुद्दे को अमेरिकी सरकार का अब तक का सबसे बड़ा ‘डिसइन्फॉर्मेशन कैंपेन’ करार दिया है. उन्होंने कहा कि 80 सालों से सच को छुपाने के लिए झूठ और धोखे का सहारा लिया गया है.
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डॉक्यूमेंट्री में 2004 में सैन डिएगो के ऊपर फिल्माए गए ‘टिक टैक’ यूएफओ वीडियो का भी जिक्र किया गया है. इसे लेफ्टिनेंट कमांडर चैड अंडरवुड ने फिल्माया था और दावा किया गया कि ये एक एलियन यान था. 2023 में यूएस डिफेंस एजेंसी के यूएपी विश्लेषण प्रमुख डेविड ग्रश ने कहा कि सरकार ने एलियन यान और बायोलॉजिक्स को जब्त कर लिया है.

फिल्म में पेंटागन की एडवांस्ड एरोस्पेस थ्रेट आइडेंटिफिकेशन प्रोग्राम (AATIP) का भी जिक्र किया गया है. लुइस एलिजोंडो का दावा है कि वे इस प्रोग्राम के सदस्य थे और ये एलियन्स पर स्टडी करने के लिए ही बनाया गया था. सार्वजनिक दबाव के बाद पेंटागन ने कुछ रिपोर्ट्स जारी की जिनमें सैन्य कर्मियों की ओर से देखे गए सैकड़ों अज्ञात हवाई घटनाओं (UAP) की पुष्टि की गई थी.
हालांकि कुछ आलोचकों का कहना है कि ये डॉक्यूमेंट्री कोई नया सबूत पेश नहीं करती है. इंडीवायर के क्रिश्चियन ज़िल्को का कहना है कि ‘द एज ऑफ डिस्क्लोजर’ बिना किसी ठोस प्रमाण के दावे करती है. वहीं द हॉलीवुड रिपोर्टर के डैनियल फीनबर्ग का कहना है कि ये केवल एक ग्लैमरस डॉक्यूमेंट्री है जिसमें कोई निर्णायक प्रमाण नहीं दिया गया है.
न्यूयॉर्क पोस्ट के इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट स्टीवन ग्रीनस्ट्रीट ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लुइस एलिजोंडो के दावों पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि एलिजो्ंडो ने दावा किया था कि पेंटागन ने उन्हें आतंकवादियों पर जासूसी करने के लिए मानसिक शक्तियों का इस्तेमाल करने के लिए प्रशिक्षित किया था, जिससे उनकी विश्वसनीयता पर संदेह पैदा होता है.
इस डॉक्यूमेंट्री का प्रीमियर टेक्सास के एसएक्सएसडब्ल्यू फिल्म फेस्टिवल में हुआ, लेकिन ये दर्शकों को एलियन्स के बारे में कोई नया निर्णायक सबूत देने में विफल रही. निर्देशक डैन फाराह ने एलियन्स के अस्तित्व को साबित करने की कोशिश तो की, लेकिन आलोचकों का मानना है कि इसमें दिए गए दावे अब भी पूरी तरह से पुष्ट नहीं हो पाए हैं.
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