पहले जो कर रहे थे दंगे अब कर रहे अफसोस, किस बात का है मलाल? शेख हसीना सरकार गिरने के बाद भी क्यों परेशान छात्र
बांग्लादेश में 5 अगस्त को शेख हसीना की सरकार गिर गई. तख्तापलट के पीछे की मुख्य वजह छात्रों का प्रदर्शन बताया गया. आरक्षण विरोधी छात्रों ने इस कदर प्रोटेस्ट किया की सत्ता को घुटनों पर आना पड़ा.
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View In Appएक तरफ जहां प्रदर्शनकारी अपने आंदोलन के सफल होने से खुश हुए थे तो वहीं कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें अब अफसोस हो रहा है. अब तो शेख हसीना भी देश छोड़ कर जा चुकी हैं. सरकार भी दूसरी बन गई है, लेकिन लोगों को किस बात का दुख है.
प्रदर्शनकारियों को बांग्लादेश के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले मुजीब उर रहमान के पुतले को गिराए जाने का दुख है.
प्रदर्शन कर रहे छात्रों और ढाका यूनिवर्सिटी की पॉलिटिकल साइंस की प्रोफेसर तस्तीम सिद्दीकी से बात करके एक रिपोर्ट तैयार की गई. इस रिपोर्ट में पॉलिटिकल साइंस की प्रोफेसर तस्तीम सिद्दीकी ने कहा कि शेख हसीना ने इतने सालों तक विपक्ष को दबा कर रखा था. लोगों को लगता था कि वह अजेय है.
लेकिन जब छात्रों को दबाया गया तो उन्होंने सरकार गिरा दी. प्रोटेस्ट कर रहे लोगों में छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया इस घटना ने आग में घी का काम किया. आगामी लीग के लिए प्रदर्शन करने वाले छात्रों का गुस्सा बढ़ गया, लेकिन जब मुजीब का पुतला गिराया गया तब हम रोए थे. उस वक्त जो हो रहा था उस पर किसी का कंट्रोल नहीं था.
जो छात्र पहले प्रोटेस्ट कर रहे थे अब वहीं सड़कों पर व्यवस्था संभालते दिख रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार करने के बाद पुलिस भी अपना काम नहीं कर रही है. ऐसे में उन्हें ही सड़कों पर उतरना पड़ रहा है.
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