चीन के ग्लोबल टाइम्स ने एस. जयशंकर के खिलाफ छापा नफरती बयान आखिरी क्यों हटाया
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर दुनिया भर में अपनी हाजिर जवाबी के लिए फेमस हैं. कई देश के डिप्लोमैट उनकी तारीफ भी कर चुके हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर भारत के पक्ष को वैश्विक पटल पर बेहद ही दमदार तरीके से पेश करते हैं. उनका यही रुक अब चीन को चुभ रहा है.
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View In Appचीन की सरकारी मीडिया “ग्लोबल टाइम्स” ने एस. जयशंकर को लेकर आलोचनाओं से भरा एक आर्टिकल छापा और फिर जब इस पर विवाद हुआ तो उसे हटा दिया. इसके बाद कई डिप्लोमैट्स और विश्लेषकों ने चीन सरकार के मुखपत्र कहे जाने वाले “ग्लोबल टाइम्स” पर खूब निशाना साधा.
ग्लोबल टाइम्स के लिए यह आर्टिकल चीन के इंटरनेशनल अफेयर रिलेशंस के एक्सपर्ट वांग डेमिंग ने लिखा था, जिसमें शुरुआत में ही एस जयशंकर के हाल ही में दिए गए बयान पर टिप्पणी की गई है. आर्टिकल में यह भी कहा गया कि नफरत के चलते जयशंकर चीन को लगातार घेरते हैं.
इस आर्टिकल में विदेश मंत्री एस जयशंकर को लेकर आलोचनात्मक रूप से कहा गया है कि उनके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा प्राथमिकता नहीं है. वही एस. जयशंकर के मीडिया फोरम ने चीन के बयान को चौंकाने वाला बताया और आरोप लगाए की उस आर्टिकल में जयशंकर की चीन के प्रति नफरत नजर आई है. उन्होंने एक बयान में कहा था कि पूरी दुनिया चीन की समस्या का सामना कर रही है.
ग्लोबल टाइम्स के उस आर्टिकल में यह भी लिखा गया कि विदेश मंत्री होने के नाते जयशंकर की नीतियां राष्ट्रहित में नहीं हैं. यही नहीं भारत और चीन के सुधरते रिश्ते से एस जयशंकर डरे हुए हैं. आर्टिकल में जयशंकर की तुलना पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी से की गई.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 31 अगस्त को दिल्ली में चीन को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए बयान दिया था. इसके बाद से ही चीन भड़क गया है. जयशंकर ने कहा था कि पूरी दुनिया की चीन के साथ सामान्य परेशानी है. पूरा विश्व अलग-अलग मुद्दों पर चीन को लेकर बहस कर रहा है. उन्होंने यह भी कहा था कि चीन, यूरोप में प्रमुख आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा बहस का केंद्र बन गया है. इतना ही नहीं अमेरिका भी चीन को लेकर बेहद गंभीर है और यह बिल्कुल सही है.
चीन को लेकर विदेश मंत्री जयशंकर ने यह कहा था कि हम पहले से ही चीन के प्रोडक्शन और उनकी ओर से मिलने वाली खास सुविधाओं को नजरअंदाज कर रहे हैं. उनकी अर्थव्यवस्था और राजनीति बड़ी अनोखी है. जब तक हम उनको समझने की कोशिश करेंगे तब तक हमारे फैसले गलत हो सकते हैं.
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