वे देश जो 25 दिसंबर को नहीं मनाते क्रिसमस, क्या है वजह? देखें पूरी लिस्ट
यीशु मसीह के जन्म के दिन को क्रिसमस के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है, जो साल के आखिरी महीने यानी 25 दिसंबर को मनाया जाता है. हालांकि, ऐसे कई देश हैं, जो 25 दिसंबर को क्रिसमस सेलिब्रेट नहीं करते और न ही मनाते हैं.
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View In Appदुनिया में कई देश हैं, जो 25 दिसंबर की बजाए 7 जनवरी को क्रिसमस फेस्टिवल सेलिब्रेट करते हैं. यह तारीख जूलियन कैलेंडर पर आधारित है, जो दुनिया के अधिकांश हिस्सों में इस्तेमाल होने वाले ग्रेगोरियन कैलेंडर से 13 दिन पीछे है. इस दिन को मनाए जाने वाला क्रिसमस ऑर्थोडॉक्स कहलाया जाता है.
रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च जूलियन कैलेंडर का पालन करता है, जो 7 जनवरी को अपना आधिकारिक क्रिसमस दिवस बनाता है.
इथियोपिया 7 जनवरी को क्रिसमस को गन्ना के रूप में मनाते हैं, जो एक आध्यात्मिक छुट्टी वाला दिन होता है. इस दिन पारंपरिक पोशाक पहनकर लोग चर्च जाते हैं.
सर्बिया में क्रिसमस यूल लॉग जलाने जैसे पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ शुरू होता है और रूढ़िवादी धार्मिक अनुष्ठानों और उत्सव के भोजन के साथ जारी रहता है.
मिस्र में रहने वाले कॉप्टिक ईसाई 7 जनवरी को क्रिसमस मनाने से पहले लगातार 43 दिन तक उपवास रखते हैं, जो इस्लाम धर्म के सबसे बड़े पर्व ईद से मिलता-जुलता लगता है. जब मुस्लिम लोग 30 दिनों तक रमजान के दौरान उपवास रखते हैं.
आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च 6 जनवरी को क्रिसमस मनाता है. इसे यीशु मसीह के जन्म और बपतिस्मा दोनों का सम्मान करने के लिए एपिफेनी पर्व के साथ जोड़ता है.
वहीं कई देश ऐसे भी है, जो आधिकारिक तौर पर क्रिसमस नहीं मनाते हैं. इनमें सऊदी अरब, उत्तर कोरिया, चीन और जापान शामिल है.
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