Greta Thunberg:छोटी सी उम्र में वर्ल्ड लीडर्स को ललकारा, आंख से आंख मिलाकर कहा था- How Dare You?
स्वीडिश क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग 2019 में दुनिया में छा गई थीं. तब ग्रेटा ने न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र की क्लाइमेट एक्शन समिट में दुनिया भर के नेताओं को आड़े हाथों लिया था. पर्यावरण को प्यार करने वाली ये लड़की तब गुस्से में बोली थीं, “आपने अपने खोखले शब्दों से मेरा बचपन और मेरे सपने चुरा लिए हैं.” वैश्विक नेताओं को फटकार लगाते हुए ग्रेटा ने कहा,“हाउ डेयर यू” वो नाराज थी कि दुनिया के नेताओं ने जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए पर्याप्त कदम न उठाकर युवा पीढ़ी को नाकामयाब किया है.(फोटो instagram.com/gretathunberg)
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View In Appग्रेटा एक बार फिर से चर्चा में हैं. वो पश्चिमी जर्मनी के सूबे नॉर्थ राइन-वेस्टफेलिया में कई जगहों में खनन के विरोध में उतरी थीं. मंगलवार 17 जनवरी को उन्हें जर्मनी के गांव लुएत्सराथ से हिरासत में लिया गया, हालांकि शाम को उन्हें छोड़ दिया गया था. यहां दूसरी बार उन्हें हिरासत में लिया गया. प्रदर्शनकारी जीवाश्म ईंधन का विरोध और गांव को कोयले की खदान से नष्ट होने से बचाने की कोशिश कर रहे हैं. (फोटो instagram.com/gretathunberg)
ग्रेटा को पर्यावरण की फिक्र दादा एस.अरहैनियस से विरासत में मिली है. उनके वैज्ञानिक दादा ने ग्रीनहाउस इफेक्ट पर एक मॉडल बनाया था. 3 जनवरी 2003 को स्वीडन के स्टॉकहोम शहर में पैदा हुई ग्रेटा 3 बहनों में सबसे बड़ी हैं. ओपेरा गायक मां मैलेना एर्नमैन और एक्टर पिता एस.थनबर्ग की इस बेटी को 1903 में उन्हें केमिस्ट्री के लिए नोबेल पुरस्कार नवाजा जा चुका है. (फोटो instagram.com/gretathunberg)
27 अक्टूबर 2022 में ग्रेटा ने अपनी किताब के रिलीज होने पर कहा था, “आज ''द क्लाइमेट बुक'' आखिरकार दुनिया के कई हिस्सों में रिलीज़ हो गई है! मैं अपने मंच का इस्तेमाल जलवायु संकट की हकीकत की पूरी तस्वीर को साझा करने के लिए करना चाहती हूं, कि दुनिया कैसे बदल रही है और हमें इसके बारे में क्या करने की जरूरत है.”(फोटो instagram.com/gretathunberg)
ग्रेटा ने एक बार कहा था, हम बच्चे अक्सर वह नहीं करते जो आप हमें करने के लिए कहते हैं. जैसा आप करते हैं वैसा ही हम करते हैं. और जब से आप बड़े हो गए हैं, मेरे भविष्य के बारे में परवाह नहीं करते हैं, तो मैं भी नहीं करूगीं मेरा नाम ग्रेटा है और मैं 9वीं कक्षा में हूं.”(फोटो instagram.com/gretathunberg)
ग्रेटा का ही जज्बा है जो ऑटिज्म की एक किस्म एस्परजर सिंड्रोम से जूझने के बाद भी वो पर्यावरण बचाने के लिए आगे आईं. ये सिंड्रोम बातचीत करने की क्षमता पर गहरा असर डालता है. लंबे वक्त तक वो अवसाद, अकेलेपन और उदासी के साए में रहीं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. 16 साल की ग्रेटा को टाइम मैगजीन ने 2019 के 'पर्सन ऑफ द इयर' का खिताब दिया. (फोटो instagram.com/gretathunberg)
ऐसा नहीं है कि ग्रेटा को पूरी दुनिया से प्यार ही मिला हो. ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो ग्रेटा को एक 'बिगड़ैल लड़की' का तमगा दे चुके है. ये तब हुआ था जब ग्रेटा ने. अमेज़न के जंगलों में लगी आग की वजह से ब्राजील में जानवरों की मौत पर फिक्र जाहिर की थी. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप भी ग्रेटा की सोच पर सवाल उठा चुके हैं. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उनके लिए कहा था, वो एक भली लड़की हैं, लेकिन उनके पास जानकारी की कमी है.” (फोटो instagram.com/gretathunberg)
ग्रेटा थनबर्ग को ‘राइट लाइवलीहुड अवॉर्ड’, वैकल्पिक नोबेल के नाम से मशहूर अवॉर्ड दिया गया. उन्हें ये अवॉर्ड जलवायु परिवर्तन को लेकर पूरे दुनिया का ध्यान खींचने और तुरंत कदम उठाने की मांग क लिए दिया गया. ग्रेटा को 2019 में नोबेल पीस पुरस्कार के लिए भी नामित किया गया था.
ग्रेटा ने अपने इंस्टा अकाउंट पर 28 सितंबर 2021 को लिखा,“मैंने स्वीडिश आम चुनाव से पहले 20 अगस्त 2018 को स्कूल से हड़ताल शुरू कर दी थी. तब से अब 4 साल हो गए हैं, और एक नया चुनाव आ रहा है. हम अभी भी यहां हैं, लेकिन जलवायु संकट अभी भी बहस में शामिल नहीं है.” दरअसल ग्रेटा ने जलवायु परिवर्तन पर जागरूकता लाने के लिए स्वीडन की संसद के बाहर हर शुक्रवार को स्कूल न जाकर यहां #School Strike For Climate विरोध जताया था. इसे दुनिया भर में #FridaysForFuture के नाम से जाना गया. इसके बाद ही दुनिया के कई देशों में बच्चों ने इस मुहिम में शिरकत की. (फोटो instagram.com/gretathunberg)
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