Hina Rabbani Khar: 'पीएम मोदी और मनमोहन सिंह की तुलना करने वालीं पाकिस्तानी विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार कौन हैं
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम, दावोस में पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर से कुछ ऐसा कहा जो पाक की नापाक मंशा जाहिर करता है. हालांकि श्री रविशंकर ने भी इसका करारा जवाब दिया. (फोटो-PTI)
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View In Appपाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ को दुबई के अल अरबिया चैनल को ये कहे चंद दिन नहीं बीते की वो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बैठकर बगैर शर्त अमन-चैन की बात करना चाहते हैं कि पाक की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार का पीएम मोदी को लेकर दिया बयान सुर्खियां बटोर रहा है.(फोटो-PTI)
पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ हालांकि एक दिन बाद ही अपने बयान से पलट गए थे. पाक पीएमओ ऑफिस से एक दिन बाद ही बयान जारी किया गया कि जम्मू-कश्मीर का खास राज्य का दर्जा बहाल किए बगैर पाकिस्तान भारत से किसी तरह की बातचीत नहीं करेगा. (फोटो-PTI)
स्विटजरलैंड वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम 2023 की सालाना बैठक के साउथ-एशिया सत्र में पाक विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने भी कुछ ऐसा ही कहा है. उन्होंने श्री श्री रविशंकर को कहा कि पाकिस्तान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पाक के सहयोगी के तौर पर नहीं देखता, जबकि वो भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और स्वर्गीय अटल बिहारी को सहयोगी के तौर देखता था. (फोटो-twitter.com/HinaRKhar)
पाकिस्तानी मंत्री हिना रब्बानी खार को श्री श्री रविशंकर ने भी करारा जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को ये अच्छे से पता होना चाहिए कि दिक्कत उसकी वजह से न कि भारत की वजह से. भारत को अन्य किसी पड़ोसी देश से कोई दिक्कत नहीं है. रविशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कई बार हाथ बढ़ाया है. उन्होंने बार-बार मदद करने की पेशकश भी की और यह आरोप कि मौजूदा प्रधानमंत्री ने कोई इच्छा नहीं दिखाई है, का कोई मतलब नहीं बनता है. (फोटो-PTI)
पाक विदेश राज्य मंत्री हिना खार ने कहा, “जब मैं विदेश मंत्री के तौर पर भारत गई थी, तो मैंने बेहतर सहयोग के लिए दबाव बनाने के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत की थी और हम 2023 के मुकाबले उस वक्त काफी बेहतर हालात में थे.”(फोटो-twitter.com/HinaRKhar)
पाकिस्तानी मंत्री हिना खार ने कहा, ''इन सालों में हमने जो कुछ किया है, उससे दुश्मनी में इजाफा ही हुआ है. हमें यह एहसास होना चाहिए कि हम भूगोल को नहीं बदल सकते. और आइए समझते हैं कि यह दक्षिण एशिया की परेशानी नहीं है, यह भारत-पाकिस्तान की परेशानी है और भारत की तरफ से परेशानी है और इसमें राजनीतिज्ञता की कमी थी.(फोटो-twitter.com/HinaRKhar)
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