एक्सप्लोरर
मात्र 11 साल में इस देश में बंपर बढ़ी हिंदू आबादी, अभी किस धर्म की जनसंख्या है यहां बहुसंख्यक, जानिए
2020 तक ब्राजील में हिंदू आबादी 21,200 तक पहुंच गई है, जबकि मुस्लिम आबादी 1.2 से 1.5 मिलियन के बीच है. जानें, ब्राजील की धार्मिक जनसांख्यिकी और कैसे हिंदू धर्म का प्रभाव बढ़ रहा है.

ब्राजील की बढ़ती आबादी
1/8

ब्राजील एक बहुधार्मिक देश, जहां अलग-अलग धर्मों के लोग शांति से रहते हैं, वहां की धार्मिक जनसांख्यिकी में पिछले कुछ दशकों में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले हैं.
2/8

रोमन कैथोलिक ब्राजील में सबसे प्रचलित धर्म है, लेकिन हिंदू और मुस्लिम आबादी भी धीरे-धीरे बढ़ रही है.
3/8

US स्टेट गवर्नमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्राजील में हिंदू धर्म का प्रभाव धीरे-धीरे बढ़ रहा है. 2000 की जनगणना के अनुसार, उस समय ब्राजील में केवल 2,905 हिंदू थे.
4/8

हालांकि, 2011 तक यह संख्या बढ़कर 9,500 हो गई और 2020 तक हिंदू आबादी 21,200 तक पहुंच गई. यह बढ़ोतरी हिंदू धर्म के प्रति लोगों की बढ़ती रुचि और प्रवास के कारण हो रही है. फिर भी, हिंदू समुदाय ब्राजील की कुल जनसंख्या का केवल 0.005 फीसदी है.
5/8

2010 की जनगणना के अनुसार ब्राजील में 35,200 मुसलमानों की उपस्थिति दर्ज की गई थी. हालांकि, मुस्लिम संघों का अनुमान है कि 2020 तक यह संख्या काफी बढ़कर 1.2 से 1.5 मिलियन के बीच हो गई है. यह बढ़ती आबादी मुख्य रूप से अप्रवास और स्थानीय मुस्लिम समुदायों की वृद्धि के कारण है.
6/8

ब्राजील में अलग-अलग धर्मों के अनुयायी मिलकर एक अलग-अलग लोगों से मिलकर समाज का निर्माण करते हैं. रोमन कैथोलिक धर्म यहां प्रमुख है, लेकिन हिंदू और मुस्लिम आबादी का भी योगदान ब्राजील की सांस्कृतिक विविधता में दिखाई देता है.
7/8

हिंदू और मुस्लिम समुदायों की वृद्धि से देश में धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक विविधता का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत होता है.
8/8

ब्राजील की धार्मिक जनसांख्यिकी में हिंदू और मुस्लिम आबादी की वृद्धि के साथ-साथ अन्य धर्मों का भी प्रभाव देखा जा रहा है. आने वाले वर्षों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कैसे ये समुदाय ब्राजील की सांस्कृतिक और सामाजिक संरचना में योगदान देंगे.
Published at : 17 Mar 2025 09:17 AM (IST)
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
छत्तीसगढ़
बॉलीवुड
क्रिकेट
Advertisement


प्रफुल्ल सारडाराजनीतिक विश्लेषक
Opinion