मालदीव की अक्ल आई ठिकाने, भारत से बोला- सॉरी, गलतफहमियां दूर हुई
मालदीव सरकार की साल भर के भीतर अकल ठिकाने पर आ गई है. भारत को लेकर अब मालदीव की मुइज्जू सरकार के सुर बदलते नजर आ रहे हैं. राष्ट्रपति को इस बात का एहसास हो गया है कि भारत के साथ रिश्ते बनाए बिना उनका काम नहीं होने वाला. प्रशासन ने पहली बार इस बात को भी माना है कि शुरुआती दौर में उन्होंने भारत के साथ संबंध को खराब कर लिया था.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appमालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने कहा कि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के नेतृत्व वाली सरकार के शुरुआती समय में भारत मालदीव संबंध कठिन दौर से गुजरा है, लेकिन इस समय दोनों सरकार ने गलतफहमियां दूर कर ली हैं. विदेश मंत्री मूसा जमीर ने ये बात बीते शुक्रवार श्रीलंका की यात्रा के दौरान कही.
मूसा जमीर ने चीन और भारत के साथ-साथ अन्य प्रमुख सहयोगियों के साथ भी बेहतर रिश्ते कायम करने की बात कही. जमीर ने कहा कि मालदीव से भारतीय सैनिकों की टुकड़ी हटाने के बाद भारत और मालदीव के संबंध चुनौतीपूर्ण रहे, लेकिन अब यह गलतफहमियां दूर हो चुकी है.
चीन परस्त मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति पद संभालने के कुछ घंटे बाद मालदीव को उपहार में दिए गए तीन भारतीय सैनिक टुकड़ियों को वापस भारत भेज दी थी. दोनों पक्षों की बातचीत के बाद सैनिकों की जगह वहां टेक्निकल वर्कर्स की तैनाती की गई थी.
इसी के बाद मालदीव के तीन उपमुख्यमंत्रियों ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और भी ज्यादा बढ़ गए थे, लेकिन मालदीव के विदेश मंत्रालय ने खुद को इन टिप्पणियों से अलग कर लिया था. कुछ ही समय बाद यह तीनों मंत्री जिन्होंने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी उन्हें सरकार से निलंबित कर दिया गया.
मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद वह नई दिल्ली यात्रा पर नहीं आए इसके विपरीत वह सबसे पहले तुर्किए गए और उसके बाद बीती जनवरी में उन्होंने पहले राजकीय यात्रा के लिए चीन को चुना. मुइज्जू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान 9 जून को नई दिल्ली भी पहुंचे थे. वे बहुत जल्द भारत की आधिकारिक यात्रा करने वाले हैं.
विदेश मंत्री जमीर का कहना है कि मालदीव अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी कि आईएमएफ से राहत पैकेज की गुहार नहीं लगाएगा. उन्होंने कहा कि उन्हें अपने द्विपक्षीय साझेदारी साथियों पर भरोसा है कि वह उनकी स्थिति को समझेंगे.
विदेश मंत्री ने इस बात का भी उल्लेख किया कि चीन और भारत मालदीव का समर्थन करने में महत्वपूर्ण देश रहे हैं. विदेश मंत्री मूसा जमीर की यह टिप्पणी मालदीव की वित्तीय स्थिति के बारे में क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों की चेतावनी को देखते हुए की गई है. बता दें कि वर्तमान में मालदीव पर 40.9 करोड़ अमेरिकी डॉलर का कर्ज है. वहीं देश में मौजूद विदेशी मुद्रा भंडार 44.4 करोड़ अमेरिकी डॉलर का है.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -