दाऊद इब्राहिम, हाफिज सईद और आतंकवाद... भारत की परेशानी क्यों नहीं सुनते? पाकिस्तानियों की शहबाज शरीफ से अपील
मोस्ट वांटेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और 26/11 हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद भारत के लिए सबसे बड़े मसलों में से एक है. पाकिस्तान की अवाम को भी लगता है कि अगर पाकिस्तान सरकार को इन दोनों को भारत को वापस सौंप देना चाहिए. यूट्यूबर शोएब चौधरी ने भारत पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर पाक की जनता से बात की, जिसमें कई पाकिस्तानियों ने ये सलाह दी है.
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View In Appपाकिस्तानियों का कहना है कि भारत की तीन सबसे बड़ी परेशानी हैं, जिसकी वजह से पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते अच्छे नहीं रहते हैं. इस मसले में टेरिरिस्ट और क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म भी शामिल है.
एक पाकिस्तानी ने कहा कि भारत का सबसे बड़ा मसला दाऊद इब्राहिम है और वह कहता है कि दाऊद कराची में मौजूद है. उस शख्स ने कहा, ‘पाकिस्तान की सरकार से अपील है कि वह दाऊद इब्राहिम को भारत को सौंप दे. इसके बाद भारत चाहे तो मुंबई में उसको उलटा लटका दे. हमें क्या मतलब और इससे भारत की परेशानी भी हल्की हो जाएगी.’
उस शख्स ने आगे कहा कि अगर दाऊद इब्राहिम की तरह हमारे मुल्क के लोगों का भी कोई कत्ल करेगा तो हम भी उसको लाहौर में उलटा लटकाएंगे. उन्होंने कहा कि भारत का दूसरा मसला हाफिज सईद से जुड़ा हुआ है.
उन्होंने कहा कि भारत के मुताबिक, हाफिज सईद एक इंटरनेशनली सर्टीफाइड टेरिरिस्ट है. भारत में 26 नवंबर 2008 को मुंबई के ताज होटल हमले में हाफिज सईद का हाथ है. वह शख्स आगे कहता है कि अगर भारत इस टेरिरिस्ट का हिसाब किताब भी बराबर करना चाहता है तो पाकिस्तान की सरकार के पास अच्छा मौका है कि वह भारत के साथ रिश्ते सुधार सकता है.
पाकिस्तानी ने आगे कहा, ‘तीसरा सबसे बड़ा मसला क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म का है, जिस वजह से भारत और पाकिस्तान के रिश्ते में बहुत ज्यादा दरारें आती हैं. इस मुद्दे को पाक सरकार संभाल ले तो बहुत सारी चीजें सही हो सकती हैं.’
पाकिस्तानी का कहना है कि कुछ साल पहले हाफिज सईद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुपरविजन में एक अलविदा नाम से ऑपरेशन लॉन्च किया गया था. इस मिशन में यह तक पता लगा लिया गया था कि हाफिज सईद के घर में कौन सा अखबार आता है. अगर से मिशन कामयाब हो जाता तो आज हाफिज सईद वाली प्रोब्लम रहती ही नहीं.
उस शख्स ने यह तक कहा कि जब तक हम इन तीन चीजों पर कोई पॉजिटिव राय नहीं देंगे या भारत और पाकिस्तान की सरकार आमने-सामने बैठकर बात नहीं करेंगी तब तक यह परेशानियां नहीं सुधरेंगी. हम आप या कोई भी आम नागरिक बस ओपिनियन दे सकते हैं कुछ कर नहीं सकते.
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