Election Results 2024
(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Iran Election Result 2024 : कौन हैं पेजेशकियान, जो ईरान की सत्ता पर होंगे काबिज, जानें उनके बारे में A टू Z
ईरान में इब्राहिम रईसी की हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत के बाद राष्ट्रपति चुनाव हुए थे. ईरान के चुनाव अधिकारियों के जरिए की गई वोटों की गिनती के बाद पेजेशकियान को 1.63 करोड़ वोट मिले हैं, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी और कट्टरपंथी नेता सईद जलीली को 1.35 करोड़ वोट मिले हैं.
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View In Appपेजेशकियान ने जलीली को 28 लाख वोटों के अंतर से हराया है. पेजेशकियान पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं और वह पेशे से हार्ट सर्जन भी हैं. उनके गिनती देश के उन नेताओं में होती है, जो राजनीतिक गलियारों में काफी लंबे अरसे से मौजूद रहे हैं.
पेजेशकियान का जन्म 29 सितंबर 1954 को उत्तर-पश्चिमी ईरान के महाबाद में हुआ था. वह अजेरी भाषा बोलते हैं और लंबे समय से ईरान के विशाल अल्पसंख्यक जातीय समूहों के मामलों पर ध्यान केंद्रित करते रहे हैं. कई लोगों की तरह उन्होंने ईरान-इराक युद्ध में सेवा की. युद्ध के मैदान में चिकित्सा दल भेजे.
अब चुनाव नतीजों के मुताबिक, 3 करोड़ वोटों में से डॉ. मसूद पेजेशकियान को 53.3 फीसदी वोट मिले हैं, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी जलीली को 44.3 फीसदी वोट मिले हैं.
वह हार्ट सर्जन हैं और पेजेशकियान ने तबरीज यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्रमुख के रूप में कार्य किया. 1994 में एक कार दुर्घटना में उनकी पत्नी फतेमेह मजीदी और एक बेटी की मौत हो गई. इसके बाद डॉक्टर ने दोबारा शादी नहीं की और अपने बचे हुए 2 दो बेटों और एक बेटी का अकेले ही पाला.
मसूद पेजेशकियान लंबे वक्त से सांसद रहे हैं. उनकी जीत पर उनके समर्थक खुशी मना रहे हैं. मसूद पेजेशकियान ने सत्ता में बड़ा बदलाव किया है. वोट काउंटिंग के दौरान ही उनके समर्थक जश्न मनाने के लिए रोड़ पर उतर आए थे.
मसूद पेजेशकियान ने चुनाव प्रचार के दौरान देश के शिया धर्मतंत्र में कोई भी बदलाव नहीं करने का वादा किया था. मसूद पेजेशकियान ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्ला अली खामनेई को देश के हर मामलों में आखिरी मध्यस्थ मानते हैं.
2022 में पेजेशकियान ने महसा अमिनी की मौत के बारे में अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा था. महसा अमीनी को ठीक से हिजाब नहीं पहनने के जान से मार दिया गया. महसा की मौत के बाद पूरे देश में प्रदर्शन हुए थे. पेजेशकियान ने कहा कि हम हिजाब कानून का सम्मान करेंगे, लेकिन महिलाओं के प्रति कभी भी कोई दखलंदाजी या अमानवीय व्यवहार नहीं होना चाहिए.
ईरान में राष्ट्रपति चुनाव का पहला चरण 28 जून को हुआ था. इसमें कोई भी उम्मीदवार बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर पाया था, जिसके बाद 5 जुलाई को रनऑफ चुनाव करवाए गए. ईरान के संविधान के मुताबिक, अगर पहले चरण में किसी को भी बहुमत नहीं मिलता है तो शीर्ष 2 उम्मीदवारों के बीच दोबारा चुनाव करवाया जाता है. पहले चरण में पेजेशकियान को 42.5 प्रतिशत और जलीली को 38.8 प्रतिशत वोट मिले थे.
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