Malawi: जिस मलावी देश के उप-राष्ट्रपति का प्लेन हो गया लापता, वहां कितने भारतीय, हिंदू और मुसलमान? जानिए
मलावी अफ्रीका के दक्षिण पूर्वी हिस्से में है. यह मिलनसार लोगों के लिए जाना जाता है. सबसे अहम बात यह है कि यह असाधारण मीठे पानी की झील (मलावी झील) के लिए मशहूर है.
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View In Appयह दुनिया के सबसे गरीब देशों में गिना जाता है. ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स में लिस्टेड 189 देशों की सूची में इसकी रैंक 174 है. वहां की 70 फीसदी आबादी चेवा भाषा को बोलती है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अनुमान है कि वहां भारतीय मूल के लगभग 8500 लोग हैं. वे मुख्यतः गुजरात से गए हैं.वे लिलोंग्वे, ब्लैंटायर, ज़ोम्बा और मज़ुज़ु जैसे शहरों में रहते हैं.
मलावी में हिंदू, बहाई और स्वदेशी धर्मों के अनुयायी हैं. विदेशी मिश्नरी समूह भी हैं, जिनमें प्रोटेस्टेंट, कैथोलिक, पेंटेकोस्टल, यहोवा के साक्षी और इस्लामी सहायता संगठन शामिल हैं.
मलावी एक ईसाई बहुसंख्यक मुल्क है, जहां बड़ी संख्या में मुस्लिम अल्पसंख्यक हैं. सरकारी सर्वे की मानें तो देश की 87% आबादी ईसाई है, जबकि अल्पसंख्यक 11.6% (मुस्लिम) हैं.
छह जुलाई, 1964 को स्वतंत्रता पाने वाले मलावी को पहले न्यासालैंड (Nyasaland) के तौर पर जाना जाता था. वहां की राजधानी लिलोंगवे (Lilongwe) है और करेंसी मलाई क्वाचा (MWK) है.
लगभग 18 मिलियन से अधिक की आबादी वाला मलावी अफ्रीका में प्रीमियर टूरिस्ट डेस्टिनेशन तो नहीं है पर यह किसी नगीने से भी कम नहीं है. यह Warm Heart of Africa के नाम से जाना जाता है.
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