कभी काटी बिजली, कभी बढ़ाए सिलेंडर के दाम पाकिस्तान ने किए लाख जतन, लेकिन नहीं लगा पाया महंगाई पर लगाम

पाकिस्तान की आर्थिक चुनौती का दौर अगस्त 1947 में इसके बनने के बाद से ही शुरू हो गया था.(फोटो- instagram.com/shehbazsharif)
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15 अगस्त 1947 को भारत से अलग होकर पाकिस्तान नया देश बना और देश बनते ही इसे खुद की अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए वित्तीय मदद की जरूरत आन पड़ी. तभी से ये देश कर्ज के मर्ज का मरीज बन चुका था. (फोटो-PTI)

साल 1958 में पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) कार्यक्रम में से मदद लेने के बाद से ही पाकिस्तान कर्ज के जाल से बाहर नहीं निकल पाया है.(फोटो-https://twitter.com/MIshaqDar50)
बीते साल दिसंबर के पहले हफ्ते में ही स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने सरकार के विदेशी मुद्रा भंडार में भारी कमी होने का खुलासा किया था. ये इतना ही रह गया था कि 4 से 5 हफ्ते का आयात खर्च ही निकाला जा सकता था. (फोटो- instagram.com/shehbazsharif)
पाकिस्तान सरकार के विदेशी मुद्रा भंडार में महज पौने 7 बिलियन डॉलर ही बचे रह गए थे. इस देश के प्राइवेट बैंकों में जमा डॉलर मिलाकर भी विदेशी मुद्रा केवल साढ़े 12 बिलियन डॉलर तक ही थी और देश में आर्थिक संकट गहराता गया. (फोटो-/twitter.com/antonioguterres)
रही सही कसर इस देश में आई भयंकर बाढ़ ने पूरी कर दी और आर्थिक संकट और गहरा गया. इस तरह के हालातों से निपटने के लिए पाकिस्तान की सरकार ने कई तरह के तरीके अपनाएं. (फोटो-/twitter.com/antonioguterres)
पेट्रोल-डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी हुई और पाकिस्तान की सरकार ने कर्मचारियों के ऑफिसियल ट्रैवल पर रोक लगा दी. लीव इनकैशमेंट, मेडिकल बिल पेमेंट और अन्य भत्ते बंद कर दिए गए. (फोटो-/twitter.com/antonioguterres)
बिजली की प्रति यूनिट के दाम 43 तक पहुंच गए. भारी बिजली कटौती लोगों को झेलनी पड़ी पाकिस्तान सरकार ने इसका भी तोड़ निकाला. अधिक बिजली की खपत करने वाले पंखों का उत्पादन पर रोक लगाई. वेडिंग हॉल्स रात 10 बजे तक बंद करने का फरमान जारी किया गया. केवल LED बल्बों का इस्तेमाल शुरू किया गया. (फोटो- instagram.com/shehbazsharif)
सरकारी विभागों में 30 फीसदी बिजली बचाने के आदेश के साथ ही बाजार 8:30 बजे तक ही खोलने की मंजूरी दी गई. इतने पर भी बात नहीं बनी तो अब पीएम शहबाज शरीफ की सरकार ने नेशनल ऑस्टेरिटी कमेटी बना डाली है. ये कमेटी सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 10 फीसदी के साथ ही मंत्रालय विभागों के खर्च में 15 फीसदी कटौती और मंत्रियों की तादाद कम करने पर विचार कर रही है.(फोटो-/twitter.com/antonioguterres)
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