Muslim Population In 2050: 25 साल बाद दुनिया के इन देशों में कम हो जाएगी मुस्लिम आबादी, जानें भारत में कितना होगा बदलाव?

प्यू रिसर्च सेंटर ने धर्म को लेकर किए गए अपने द फ्यूचर ऑफ वर्ल्ड रीजन्स अध्ययन में अनुमान लगाया है कि साल 2050 तक इस्लाम दुनिया का सबसे ज्यादा फॉलो किया जाने वाला धर्म बन जाएगा.
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हालांकि, दुनिया का एक ऐसा क्षेत्र भी है जहां मुसलमानों की आबादी घटने का अनुमान है. साल 2010 में एशिया पेसेफिक रिजन में मुसलमानों की आबादी 61.7 फीसदी थी, जो 2050 तक गिरकर 52.8 फीसदी होने का अनुमान है.

यूरोप में मुसलमानों की आबादी 2050 में 2.7 फीसदी रहने का अनुमान है, जो 2010 में भी 2.7 फीसदी थी.
प्यू रिसर्च सेंटर ने अलग-अलग धार्मिक समूहों की जनसंख्या वृद्धि और बदलाव का आकलन किया है. खासतौर पर इस्लाम, ईसाई और हिंदू धर्म के बारे में महत्वपूर्ण आंकड़े दिए गए हैं.
अध्ययन के अनुसार, साल 2050 तक इस्लाम दुनिया का सबसे बड़ा धर्म बन जाएगा. इस्लाम की वृद्धि दुनिया भर में उच्च प्रजनन दर और युवा आबादी के कारण होगी.
हिंदू धर्म 2050 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म बनने की ओर अग्रसर है. प्यू रिसर्च के अध्ययन के अनुसार, हिंदू धर्म की वैश्विक आबादी 34 फीसदी बढ़ेगी, जिससे 1.4 बिलियन हिंदू होंगे.
2050 तक हिंदू धर्म, ईसाई 31.4 फीसदी और मुसलमानों 29.7फीसदी के बाद दुनिया की कुल आबादी का 14.9 फीसदी हिस्सा होगा.
अध्ययन में यह भी कहा गया है कि भारत हिंदू धर्म का मुख्य केंद्र बना रहेगा, लेकिन इसी समय भारत इंडोनेशिया को पीछे छोड़ते हुए सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश भी बन जाएगा.
भारत में मुस्लिम आबादी: भारत में 2050 तक मुसलमानों की आबादी 310 मिलियन से अधिक हो जाएगी, जिससे भारत में मुस्लिम सबसे बड़ा अल्पसंख्यक 18 फीसदी, जबकि हिंदू बहुसंख्यक 77 फीसदी बने रहेंगे.
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