Russia-China Relations: इंडिया के दोस्त रूस को क्या बरगला देगा 'ड्रैगन'...अचानक चीन क्यों पहुंच गए नरेंद्र मोदी के दोस्त राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन?
समाचार एजेंसी 'एसोसिएट प्रेस' (एपी) की रिपोर्ट के मुताबिक, व्लादिमीर पुतिन चीन की राजकीय यात्रा पर हैं. उनकी यह विजिट दो दिन की है.
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View In Appऐसा माना जा रहा है कि वह चीन के साथ रूस की रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने के लिए व्लादिमीर पुतिन बीजिंग गए हैं.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस की खबर में जानकारी दी गई कि रूसी राष्ट्रपति बीजिंग में शी जिनपिंग के साथ बैठक करेंगे. उनका इसके अलावा चीन के औद्योगिक शहर हार्बिन की यात्रा करने और वहां रूसी-चीनी व्यापार मेले का दौरा करने का भी कार्यक्रम है.
कार्यकाल की शुरुआत के बाद से यह व्लादिमीर पुतिन की पहली विदेश यात्रा है. समाचार एजेंसी 'डीपीए' की रिपोर्ट की मानें तो रूसी राष्ट्रपति चीन के साथ कई समझौतों पर साइन करेंगे.
पांचवें कार्यकाल की शुरुआत के बाद से यह व्लादिमीर पुतिन की पहली विदेश यात्रा है, जबकि शी जिनपिंग ने भी तीसरा कार्यकाल शुरू करने के बाद पहला दौरा रूस का किया था.
'शिन्हुआ' न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में रूसी राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय हितों और गहरे आपसी विश्वास के आधार पर रूस के साथ रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने में शी जिनपिंग की तारीफ की थी.
रूस और चीन, दोनों ही परमाणु शक्तियां हैं और इनके बीच मजबूत आर्थिक संबंध माने जाते हैं. ध्यान देने वाली बात है कि रूसी राष्ट्रपति का यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है, जब यूक्रेन के साथ रूस का भीषण तनाव चल रहा है.
यूक्रेन पर रूस आक्रमण के दो साल से अधिक समय बाद चीन उसके लिए महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में उभरकर सामने आया है. चीन ने रूस-यूक्रेन वॉर की निंदा तक करने से साफ इनकार कर दिया और भारी प्रतिबंध वाले रूस के साथ व्यापार करना जारी रखा है. यही वजह है कि उसके इस कदम से अमेरिका और यूरोपीय संघ खासा नाराज हैं.
रोचक बात है कि रूस इंडिया का भी लंबे समय से अच्छा मित्र रहा है. दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को रणनीतिक साझेदारी के बाकी स्तंभों जैसे मजबूत बनाना दोनों सरकारों की प्रमुख प्राथमिकता रही है.
चूंकि, चीन के साथ भारत के रिश्ते (खासतौर से एलएसी विवाद के बाद से) फिलहाल ठीक नहीं हैं. ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकार रूसी राष्ट्रपति की उनके चीनी समकक्ष के साथ भेंट को कई तरह से देखते हैं. कुछ एक्सपर्ट्स को आशंका है कि रूस-चीन की करीबियां भारत पर असर डाल सकती हैं.
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