युद्ध के बीच इस देश में बनाया जाएगा सेक्स मंत्रालय, आखिर क्यों अधिक बच्चे पैदा करना चाहता है ये मुल्क
12 नवंबर को स्टेट ड्यूमा (रूस की संसद का निचला सदन) ने इस कानून को पारित कर दिया. अब इसे 20 नवंबर को ऊपरी सदन में पेश किया जाएगा जिसके बाद राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. यदि पुतिन इसे मंजूरी देते हैं तो ये कानून बन जाएगा और अमल में आएगा जिससे रूस की जनसंख्या नीति को नया मोड़ मिलेगा.
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View In Appरूस अपने घटते जन्मदर से जूझ रहा है. हालिया रिपोर्ट के अनुसार जून में जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या 1 लाख से भी कम रह गई है. यूक्रेन युद्ध में मारे गए या घायल हुए लाखों लोगों के कारण भी जनसंख्या पर बुरा असर पड़ा है. इन हालातों के चलते सरकार की चिंता बढ़ रही है और जनसंख्या को स्थिर करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.
जनसंख्या वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए रूस की सरकार कई योजनाओं में लाखों की राशि खर्च कर रही है. खाबरोवस्क प्रांत में 18-23 वर्ष की महिलाओं को बच्चे के जन्म पर एक लाख रुबल का प्रोत्साहन दिया जा रहा है जबकि चेल्याबिंस्क में पहले बच्चे के जन्म पर 9 लाख रुबल दिए जा रहे हैं. इन प्रोत्साहनों के माध्यम से रूस अपने नागरिकों को बच्चों के जन्म के लिए प्रेरित करना चाहता है.
रूस ने बच्चे पैदा न करने के विचार को पश्चिमी देशों का एक लिबरल प्रोपेगैंडा करार दिया है जो युवाओं में परिवार की अहमियत कम करता है. नए कानून के तहत ऐसे किसी भी व्यक्ति पर जुर्माना लगाया जाएगा जो परिवार बढ़ोतरी के खिलाफ विचार फैलाता है. इसमें व्यक्ति पर 3 लाख रुबल और संगठनों पर 40 लाख रुबल का जुर्माना लगाने का प्रावधान है.
ड्यूमा ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए उन देशों से बच्चों को गोद लेने पर प्रतिबंध लगा दिया है जिनमें जेंडर चेंज कराने की अनुमति है. ये निर्णय रूस के पारंपरिक मूल्यों और परिवार संरचना को संरक्षित करने के उद्देश्य से लिया गया है. सरकार मानती है कि इससे बच्चों को एक स्थिर और पारंपरिक परिवार का माहौल मिलेगा.
मिरर की एक रिपोर्ट के अनुसार जन्मदर बढ़ाने के लिए रूस सरकार सेक्स मंत्रालय की स्थापना पर विचार कर रही है. इसके अलावा कर्मचारियों को ऑफिस में लंच टाइम के दौरान यौन संबंध बनाने के सुझाव भी दिए गए हैं. मॉस्को में काम करने वाली महिलाओं को पीरियड साइकिल और निजी जीवन की जानकारी मांगी जा रही है और 20,000 महिलाओं का मुफ्त फर्टिलिटी टेस्ट भी कराया गया है.
रूस ने नॉर्थ कोरिया के साथ एक सैन्य रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इस समझौते के तहत दोनों देश एक-दूसरे को सैन्य सहायता प्रदान करेंगे. यदि इनमें से किसी देश पर हमला होता है तो दोनों देश एक-दूसरे का समर्थन करेंगे. ये समझौता कोल्ड वॉर के बाद का सबसे बड़ा कदम है जिससे रूस-यूक्रेन संघर्ष में नॉर्थ कोरिया की भागीदारी की संभावना भी बढ़ गई है.
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