Sardar Haji Jan Mohammad: सरदार हाजी जान मोहम्मद को उम्र निकलने की है फिक्र, 60 बच्चे, 3 बेगम अब चौथी की तलाश...
पाकिस्तानी सूबे बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा के 50 साल के सरदार हाजी जान मोहम्मद के बच्चे पैदा करने की चाह की खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है. रविवार 15 जनवरी को उनके घर में 60 वें बच्चे की किलकारी गूंजी और वो खुशी से झूम उठे. जान मोहम्मद की 60वीं औलाद बेटा है और उन्होंने नाम भी अपने खुशहाल कुनबे की तरह ही खुशहाल खान रखा गया है. वो कहते हैं कि इस बच्चे की पैदाइश से पहले वो उनकी वालिदा को उमरा पर लेकर गए थे, इसलिए बच्चे का नाम हाजी खुशहाल खान रखा गया है. उनके 5 बच्चे अल्लाह को प्यारे हो गए है, लेकिन उनका कहना है कि अल्लाह की नेमत से अभी भी 55 जिंदा और सेहतमंद हैं.
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View In Appखिलजी कबीले से ताल्लुक रखने वाले सरदार हाजी जान मोहम्मद पेशे मेडिकल प्रैक्टिशनर हैं. आप हैरान होंगे कि हाजी जान मोहम्मद को अपनी सभी औलादों के नाम भी याद हैं. उन्हें बड़ी तादाद में औलाद होने पर भी उनके नाम नहीं भूलते हैं. यहां ये बात भी काबिले गौर है कि पाकिस्तान दुनिया के उन 8 मुल्कों में से एक है जो 2050 तक दुनिया में बढ़ने वाली आबादी में 50 फीसदी हिस्सा देंगे.
बच्चे पैदा करने को लेकर सरदार हाजी जान मोहम्मद के काफी उम्मीदें और अरमान है. उनका मानना है कि अल्लाह की इनायत रही तो वो चौथा निकाह कर बच्चे पैदा करेंगे. इस वक्त वो अपने लिए चौथी खातून की तलाश में हैं और उन्होंने अपने दोस्तों से इस काम में उनकी मदद करने को कहा है. वह कहते हैं कि उम्र हाथ से निकल रही है, इसलिए ख्वाहिश है कि चौथी शादी जल्द हो.
बच्चों को लेकर उनकी बीवीयां भी सरदार हाजी जान मोहम्मद हमख्याल हैं. उनकी बेगमें भी अधिक बच्चे पैदा करने की चाहत रखती हैं. बेटों के मुकाबले उनके कुनबे में बेटियों की तादाद अधिक है. उनके बच्चे 20 साल से अधिक की उम्र के हैं. सबसे बड़ी बेटी 22 साल की है.जान कहते हैं कि उन्होंने किसी की भी अभी शादी नहीं की है. सब बच्चे तालीम हासिल कर रहे हैं.
हाजी जान मोहम्मद का कोई बड़ा कारोबार नहीं है, लेकिन ये उनका ही दम है जो पाकिस्तान के बिगड़ते हालातों के बीच वो इतने बड़े कुनबे को पालने की कुवत रखते हैं. उनके पूरे घर का खर्च उनके इकलौते क्लिनिक से चलता है. वह कहते हैं कि बच्चों को पालने में उन्हें पहले कम परेशानी होती थी, लेकिन बीते 3 साल से महंगाई में इजाफे की वजह से उनको थोड़ी बहुत माली मुश्किलात पेश आ रही हैं. उनकी यही कोशिश रहती हैं कि वो बस अपने बच्चों को खुश रखें. वो ये भी कहते हैं कि उन्होंने किसी से मदद नहीं मांगी अपनी मेहनत से ही बच्चों को पाल रहे हैं.
हाजी जान मोहम्मद अपने बच्चों की सेहत से लेकर सभी चीजों का बड़ा ध्यान रखते हैं. बच्चों की तादाद को देखते हुए उनके घर में गोश्त के लिए हर हफ्ते एक बकरा कटता है. वो बच्चों के खाने-पीने में किसी तरह की कमी नहीं करते हैं. उनकी तमन्ना अपने सभी बच्चों को आला तालीम दिलाने की है.
इलाके में हाजी जान मोहम्मद इकलौते मेडिकल प्रैक्टिशनर हैं. इस वजह से वो खुद के इतने बड़े कुनबे का खर्चा पानी चला लेते हैं.
हाजी जान मोहम्मद के सबसे बड़े बेटे ईशा मोहम्मद का कहना है कि उनके वालिद उन सबका खासा ख्याल रखते हैं और वो अपने अब्बा को बहुत प्यार करते हैं. वो अपने अब्बा की तरह ही बनना चाहता है. उसकी तमन्ना बलोच कबीले का सरदार बनने का है.
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