सऊदी अरब में सच साबित हो रही है कयामत की भविष्यवाणी! बारिश और बाढ़ से तबाही, पढ़िए ताजा हालात
सऊदी अरब के कई शहरों में रेड अलर्ट जारी किया गया है और मौसम विभाग का कहना है कि बारिश का यह सिलसिला बुधवार तक जारी रह सकता है.
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View In Appसऊदी अरब के विभिन्न हिस्सों में तेज हवाएं, ओलावृष्टि और भारी बारिश ने सामान्य जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है.
पिछले कुछ वर्षों में सऊदी अरब के मौसम में बड़े बदलाव देखे जा रहे हैं. जिस रेगिस्तान में कभी पानी की एक बूंद भी मुश्किल से मिलती थी, वहां अब हरियाली उग रही है और बारिश हो रही है.
जलवायु परिवर्तन विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप हो रही है. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यह बदलाव सिर्फ एक प्राकृतिक घटना नहीं है, बल्कि इसका असर गंभीर हो सकता है और इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है.
सऊदी अरब में हो रहे बारिश की घटना को लेकर पुरानी भविष्यवाणी का भी जिक्र हो रहा है. सोशल मीडिया पर लोग इस भारी बारिश और रेगिस्तान में हरियाली को कयामत की निशानी बता रहे हैं.
घटना को लेकर कहा जा रहा है कि 1400 साल पहले भविष्यवाणी किया गया था कि कयामत का दिन तब आएगा जब अरब की जमीन फिर से घास के मैदानों और नदियों में बदल जाएगी.अरब की सूखी रेतीली जमीन फिर से हरियाली से भर जाएगी और ऐसा होते देख लोग इसे कयामत की ओर इशारा मान रहे हैं.
मक्का और मदीना में आए तीर्थयात्री इस अप्रत्याशित हरियाली और बारिश को देखकर हैरान हैं. उनके लिए यह अनुभव असामान्य है, क्योंकि सऊदी अरब का यह हिस्सा सदियों से रेतीला रहा है.
दूसरी ओर भूवैज्ञानिक और जलवायु विशेषज्ञ इस घटना को गंभीरता से लेने की बात कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह घटनाएं जलवायु परिवर्तन का परिणाम हैं.
इसे समय पर नहीं रोका गया तो इसके दीर्घकालिक परिणाम हो सऊदी अरब, जो एक शुष्क और रेगिस्तानी देश है. अगर इसी तरह जलवायु में बदलाव का सामना करता रहा तो इसके सामाजिक और आर्थिक ढांचे पर गहरा असर पड़ सकता है.
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