Turkmenistan Rule: दुनिया के इस देश में मौजूद है नरक का दरवाजा! नॉर्थ कोरिया से भी खतरनाक है कानून, देखें तस्वीरें
तुर्कमेनिस्तान एक ऐसा देश है, जिसकी तुलना अगर उत्तर कोरिया से की जाए तो गलत नहीं होगा. यहां रहने वाले 60 फीसद से ज्यादा लोग तुर्किश हैं.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In App1925 से 1991 तक तुर्कमेनिस्तान, सोवियत संघ का हिस्सा था, लेकिन जब सोवियत संघ से कुछ देश अलग हुए तो उनमें तुर्कमेनिस्तान भी शामिल था.
तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात है, जिसका मतलब है 'मोहब्बत का शहर'. इसकी सीमा दक्षिण पूर्व में अफगानिस्तान, दक्षिण पश्चिम में ईरान, उत्तर पूर्व में उज्बेकिस्तान, उत्तर पश्चिम में कजाखिस्तान और पश्चिम में कैस्पियन सागर से मिलती हैं.
तुर्कमेनिस्तान में 1991 से 2006 तक पूर्व राष्ट्रपति सपरमारुत नियाजोव का शासन था. इसके बाद राष्ट्रपति गुरबांगुली बेर्डीमुखामेदोव के हाथ में बागडोर आई और तब से अब तक वह ही तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति हैं.
तुर्कमेनिस्तान में वीजा व्यवस्था इतनी मुश्किल है कि यहां पर्यटकों की अधिक संख्या नहीं दिखेगी. देश में पर्यटकों की संख्या कम होने का एक कारण यह भी है कि लंबे समय तक तुर्कमेनिस्तान बाहरी दुनिया के लिए बंद था.
तुर्कमेनिस्तान के नागरिकों को खुलकर बोलने और घूमने की आजादी नहीं है. इस देश में फोटोग्राफी करने की भी मनाही है.
पूर्व राष्ट्रपति सपरमारुत नियाजोव ने 2001 में एक किताब लिखी थी, जिसे स्कूलों, विश्वविद्यालयों और सरकारी कार्यालयों में पढ़ने के लिए अनिवार्य किया गया था. इसके अलावा पूर्व राष्ट्रपति ने इस किताब को सभी मस्जिदों में रखने का आदेश दिया था. उन्होंने आदेश नहीं मानने पर मस्जिद को ध्वस्त करने का आदेश दिया था.
पूर्व राष्ट्रपति नियाजोव ने युवाओं की दाढ़ी को लेकर भी अजीबो-गरीब फैसला लिया था. यहां युवाओं के दाढ़ी या लंबे बाल रखने पर पाबंदी लगाई थी. हालांकि, तुर्कमेनिस्तान में 70 साल से अधिक वर्ष के पुरुष ही दाढ़ी रख सकते हैं.
तुर्कमेनिस्तान में नरक का दरवाजा भी मौजूद है, जिसे 'गेट्स ऑफ हेल' भी कहा जाता है. नरक का दरवाजा एक विशाल गड्ढा है, जो 230 फीट चौड़ा है. ये गड्ढा पिछले कई सालों से लगातार जल रहा है.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -