Water Crisis: इन शहरों पर मंडरा रहा सूखे का खतरा, नहीं हुए सुधार तो बूंद-बूंद को तरसेंगे लोग!
प्रचंड गर्मी के बीच दिल्लीवासी इस समय पानी की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं. रातों को भी टैंकर के पास हाथों में बाल्टी लिए लोगों की लंबी-लंबी लाइनों में खड़े नजर आते हैं
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View In Appइससे पहले मार्च और अप्रैल के महीने में बेंगलुरु में भी पानी संकट आया था. गर्मी के शुरू होते ही पानी की किल्लत की समस्या देखी गई हैं. आइए जानते हैं दुनिया के वो कौन से शहर हैं, जहां आने वाले समय में वॉटर शॉर्टेज हो सकती है
दक्षिण अफ्रीका की राजधानी केप टाउन में पानी के खत्म होने का खतरा पहले से बना हुआ है. साल 2018 में यहां के वॉटर सप्लाई डैम में सिर्फ 14 फीसदी पानी रह गया था पर अभी बढ़ कर 50 फीसदी हो गया है.
मिस्त्र की राजधानी काहिरा में पूरे देश का 97 फीसदी पानी है. फिर भी यहां के लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र (UN) का अनुमान है कि 2025 तक देश में पानी की शॉर्टेज हो सकती है.
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में अनाधिकृत कुओं की खुदाई की वजह से जमीन के नीचे वॉटर लेवल कम हो सकता है. वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि जकार्ता का 40 फीसदी हिस्सा समुद्री स्तर से नीचे है.
ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर पर पानी खत्म होने का खतरा बहुत बढ़ चुका है. वनों की कटाई के चलते शहर को पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ सकता है.
पानी के कमी वाले शहरों में तुर्किए के इस्तांबुल शहर का भी नाम है. इस्तांबुल में 1 करोड़ 40 लाख लोगों की आबादी रहती है और यहां के जलस्त्रोत में 30 फीसदी की कमी के बाद पानी की शॉर्टेज शुरू हो जाएगी.
मेक्सिको की राजधानी मेक्सिको सिटी में सिर्फ 20 फीसदी लोगों को ही कुछ घंटों के लिए टैप वॉटर की सप्लाई हो पाती है. यहां लोगों को पानी की आपूर्ति रिसाइक्लिंग के जरिए हो पाती है.
यूनाइटेड किंगडम की राजधानी लंदन 2025 तक पानी की कमी से जूझ सकती है. ग्रेटर लंदन अथॉरिटी ने बताया है कि 2040 तक लोगों को बड़े लेवल पर वॉटर शॉर्टेज हो सकता है.
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