कौन है हानिया की जगह लेने वाला याह्या सिनवार, जिसे कहा जाता है गाजा का बिन लादेन; इजरायल ने कहा- जिंदा या मुर्दा पकड़ें
तेहरान में इस्माइल हानिया की हत्या के बाद हमास ने याह्या सिनवार को अपना नया नेता चुना है. सिनवार वही शख्स है, जिसे इजरायल पर किए भीषण हमले का मास्टरमाइंड कहा जाता है. याह्या गाजा के बिन लादेन के नाम से भी जाना जाता है.
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View In Appबीते साल 7 अक्टूबर को हमास के हजारों लड़ाकों ने इजरायल के अंदर घुस कर 1200 लोगों को मार डाला था. वहीं ढाई सौ से ज्यादा लोगों को बंधक बनाकर अपने साथ गाजा पट्टी लेकर चले गए थे. इसके बाद इजरायल ने सैन्य अभियान शुरू किया, जो अब तक जारी है.
याह्या की नियुक्ति की घोषणा हमास ने की और कहा कि सिनवार को आंदोलन के राजनीतिक ब्यूरो का प्रमुख बनाया गया है. वह इस्माइल हानिया की जगह पर तैनात होगा. हमास की 50 सदस्य शूरा परिषद ने सिनवार की नियुक्ति किया है. यह शूरा परिषद चार भागों में डिवाइडेड है. इसमें गाजा पट्टी, वेस्ट बैंक, प्रवासी फिलिस्तीन और इजरायल की जेलों में बंद हमास के चरमपंथी शामिल होते हैं.
इजरायल के अफसरों का मानना है कि हमले की योजना सिनवार ने ही बनाई थी. हमले के बाद से वह हमास की सुरंग में छिपा हुआ है. अधिकारियों का कहना है कि याह्या सिनवार राफा या फिर खान यूनिस के नीचे कहीं सुरंग में छिपा हुआ है. इजराइल ने सिनवार को खत्म करने का लक्ष्य बनाया उसे एक शैतान घोषित कर दिया था.
आईडीएफ द्वारा फरवरी को बीते साल 10 अक्टूबर का एक वीडियो जारी किया गया, जिसमें सिनवार को अपने परिवार के साथ गाजा की सुरंग में गुजरते हुए साफ देखा जा सकता था. आईडीएफ के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने इस फुटेज को जारी करने के बाद कहा था कि सिनवार को जिंदा या मुर्दा पकड़ लेने तक उसकी तलाश नहीं रुकेगी.
याह्या सिनवार ने इजरायली जेल में लंबा समय बिताया है. वह हमास के शक्तिशाली नेताओं में से एक है. याह्या खान यूनिस शरणार्थी शिविर में जन्मा था और 1987 में ही हमास में शामिल हो गया था. सिनवार ने आंतरिक सुरक्षा तंत्र की स्थापना की थी और इजरायली जासूसों के लिए बनाई गई फिलिस्तीन यूनिट का भी नेतृत्व किया था.
गाजा स्थित इस्लामिक यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कर चुके सिनवार को दो इजरायली सैनिकों की हत्या के लिए 4 आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. सिनवार 23 साल तक इजरायल की जेल में रहा. उस दौरान उसने हिब्रू सीखी. 2011 में आईडीएफ सैनिक के बदले वह 1027 कैदियों के साथ बाहर आया और फिर से हमास की सैन्य शाखा का सीनियर कमांडर बन गया.
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