Same Sex Marriage In World: दुनिया के कई देशों में भारत से पहले लागू किए जा चुके हैं समलैंगिक विवाह से जुड़े कानून, देखें तस्वीरों में
दुनिया के 34 देशों ने समलैंगिक विवाह को वैध कर दिया है. वैवाहिक समानता को मान्यता देने वाला पहला देश नीदरलैंड्स था. संसद ने सन् 2000 में ऐतिहासिक विधेयक को तीन-बनाम-एक के अंतर से पारित किया था. ये साल 2001 में प्रभाव में आया था. इस कानून ने समलैंगिक जोड़ों को शादी करने, तलाक लेने और बच्चे गोद लेने का अधिकार दिया.
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View In Appपिछले साल ही तीन देशों ने समलैंगिक विवाह को वैध किया है. इनमें साल 2022 जुलाई में एंडोरा ऐसा करने वाला सबसे हालिया देश बना.
वहीं साल 2022 में क्यूबा ने एक राष्ट्रीय जनमत संग्रह के बाद समलैंगिक विवाह को मान्यता दी.
23 देशों ने कानून बनाकर राष्ट्रीय स्तर पर समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दी है. इनमें ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड और स्विट्जरलैंड ने राष्ट्रीय स्तर पर मतदान कराने के बाद ऐसा किया.
दस देशों ने अदालती फैसलों के माध्यम से समलैंगिक विवाह को राष्ट्रीय स्तर पर वैध कर दिया है. इनमें ऑस्ट्रिया, ब्राजील, कोलंबिया, कोस्टा रिका, इक्वाडोर, मैक्सिको और स्लोवेनिया ने बाद में विधायिका के माध्यम से राष्ट्रीय कानून भी बनाए.
अमेरिका ने 2015 में समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता दी थी. ये कानूनी मान्यता उस समय दी जब वहां के सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि संविधान पूरे देश में इसकी गारंटी देता है.
कई अध्ययनों से संकेत मिलता है कि विवाह करने से समलैंगिक जोड़ों की वित्तीय, मनोवैज्ञानिक और शारीरिक स्थिति अच्छी हो जाती है और ऐसे माता-पिता के बच्चों का पालन-पोषण सुरक्षित माहौल में होता है.
दुनिया में करीब पांच देशों में समलैंगिक संबंधों पर मौत की सजा तक दी जा सकती है. इसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, कतर और मॉरिटानिया जैसे देश शामिल हैं.
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